अदाणी फर्म ने बिल बकाया होने पर बांग्लादेश को आधी बिजली आपूर्ति रोकीः रिपोर्ट

अदाणी फर्म ने बिल बकाया होने पर बांग्लादेश को आधी बिजली आपूर्ति रोकीः रिपोर्ट

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  • Publish Date - November 1, 2024 / 06:06 PM IST,
    Updated On - November 1, 2024 / 06:06 PM IST

ढाका, एक नवंबर (भाषा) बिजली कंपनी अदाणी पावर के पूर्ण-स्वामित्व वाली अनुषंगी अदाणी पावर झारखंड लिमिटेड (एपीजेएल) ने 84.6 करोड़ डॉलर का बिल बकाया होने की वजह से बांग्लादेश को अपनी बिजली आपूर्ति घटाकर आधा कर दी है।

समाचार पत्र ‘डेली स्टार’ में शुक्रवार को प्रकाशित एक खबर के मुताबिक, पावर ग्रिड बांग्लादेश पीएलसी के आंकड़ों से पता चला है कि अदाणी समूह के बिजली संयंत्र ने बृहस्पतिवार रात को आपूर्ति कम कर दी थी।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश ने बृहस्पतिवार और शुक्रवार के बीच की रात में 1,600 मेगावाट से अधिक बिजली की किल्लत की सूचना दी। इसकी वजह यह है कि करीब 1,496 मेगावाट क्षमता वाला संयंत्र अब एक इकाई से 700 मेगावाट बिजली का ही उत्पादन कर रहा है।

इससे पहले अदाणी कंपनी ने बांग्लादेश के ऊर्जा सचिव को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि बांग्लादेश बिजली विकास बोर्ड (पीडीबी) से 30 अक्टूबर तक बकाया राशि का भुगतान करने को कहा जाए।

अदाणी समूह की कंपनी ने 27 अक्टूबर को लिखे पत्र में कहा था कि यदि बकाया बिलों का भुगतान नहीं होता है तो वह 31 अक्टूबर को बिजली आपूर्ति निलंबित करके बिजली खरीद समझौते (पीपीए) के तहत उपतचारात्मक कदम उठाने के लिए बाध्य होगी।

कंपनी ने कहा कि पीडीबी ने न तो बांग्लादेश कृषि बैंक से 17 करोड़ डॉलर की राशि की ऋणसुविधा दी है और और न ही 84.6 करोड़ डॉलर की बकाया राशि का भुगतान किया है।

समाचार पत्र ने पीडीबी के एक अधिकारी के हवाले से कहा कि पिछले बकाये का एक हिस्सा पहले चुका दिया गया था, लेकिन जुलाई से एपीजेएल पिछले महीनों की तुलना में अधिक शुल्क ले रही है।

उन्होंने कहा कि पीडीबी हर सप्ताह करीब 1.8 करोड़ डॉलर का भुगतान कर रहा है, जबकि शुल्क 2.2 करोड़ डॉलर से अधिक है। बकाया भुगतान फिर से बढ़ने की यही वजह है।

अतिरिक्त भुगतान के बारे में इस अधिकारी ने कहा कि जब पीडीबी ने पिछले साल फरवरी में कोयले की कीमत को लेकर सवाल उठाए थे तो एक पूरक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। उसमें अदाणी समूह की कंपनी को अन्य कोयला आधारित बिजली संयंत्रों द्वारा लगाए गए दरों से कम कीमतें रखने के लिए बाध्य किया गया था।

रिपोर्ट कहती है कि एक साल के पूरक सौदे की अवधि पूरी होने के बाद अदाणी पावर ने फिर से पीपीए के अनुसार शुल्क लेना शुरू कर दिया है।

भाषा अनुराग प्रेम

प्रेम