एसीएफआई ने गुणवत्तापूर्ण उत्पाद निर्माताओं के लिए कारोबार में आसानी की मांग की

एसीएफआई ने गुणवत्तापूर्ण उत्पाद निर्माताओं के लिए कारोबार में आसानी की मांग की

  •  
  • Publish Date - September 24, 2021 / 09:39 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:52 PM IST

नयी दिल्ली, 24 सितंबर (भाषा) एग्रो केम फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसीएफआई) ने शुक्रवार को सरकार से कीटनाशक प्रबंधन विधेयक, 2020 से जुड़ी इस उद्योग की विभिन्न चिंताओं को दूर करने का आग्रह किया तथा गुणवत्तापूर्ण उत्पाद बनाने वाले अच्छे निर्माताओं के लिए व्यापार करने में आसानी पैदा करने की मांग की।

एसीएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष एन के अग्रवाल ने एसीएफआई की चौथी वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए सरकार से सरल पंजीकरण प्रक्रिया में मदद करने और कीटनाशक प्रबंधन विधेयक में संशोधन करने का आग्रह किया।

एन के अग्रवाल ने कीटनाशक प्रबंधन विधेयक (पीएमबी, 2020) की कमियों के बारे में बात की जिसे 23 मार्च, 2020 को राज्यसभा में पेश किया गया था और बाद में तीन जून, 2021 को स्थायी समिति के विचारार्थ भेजा गया था।

अग्रवाल ने कहा कि कृषि रसायन उद्योग, बाजार में सक्रिय, गड़बड़ी करने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त प्रावधानों को लाये जाने का समर्थन करता है लेकिन जो गुणवत्तापूर्ण उत्पाद बनाने वाले निर्माता हैं, उनके लिए कारोबार करने की आसानी होनी चाहिए।

उन्होंने बाजार में उपलब्ध फर्जी और नकली उत्पादों को लेकर चिंता व्यक्त की।

एसीएफआई ने कहा कि पीएमबी विधेयक पंजीकरण के लिए समय सीमा निर्दिष्ट नहीं करता है और मांग की कि आवेदन के एक वर्ष के भीतर पंजीकरण किया जाए।

उन्होंने कहा कि विधेयक, भारत में नए और बेहतर अणु (मोलेक्यूल्स) लाने के मुद्दे पर ध्यान नहीं देता है।

एसीएफआई ने कहा कि पीएमबी 2020 कहता है कि केवल कड़े दंड से ही गुणवत्ता वाले उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

उसने कहा, ‘‘जबकि, यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सुरक्षा और प्रभावकारिता दोनों स्तर पर पर्याप्त रूप से निवेश करने की क्षमता वाले जिम्मेदार व्यक्तियों को ही पंजीकरण प्राप्त करने और विनिर्माण लाइसेंस प्राप्त करने की अनुमति मिले ताकि किसानों को केवल असली उत्पाद मिल सकें।’’

एसीएफआई ने कहा कि मौजूदा अधिनियम और प्रस्तावित विधेयक दोनों के तहत, पंजीकरण प्राप्त करने के लिए किसी योग्यता की जरूरत नहीं है, जिससे राज्य से विनिर्माण लाइसेंस प्राप्त करना बहुत आसान हो जाता है।

भाषा राजेश प्रणव

प्रणव