अबू धाबी की आईएचसी, श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण, तंजानिया ने अदाणी समूह का किया समर्थन

अबू धाबी की आईएचसी, श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण, तंजानिया ने अदाणी समूह का किया समर्थन

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  • Publish Date - November 28, 2024 / 03:14 PM IST,
    Updated On - November 28, 2024 / 03:14 PM IST

नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (आईएचसी) ने अदाणी समूह को अपना समर्थन दोहराते हुए कहा कि समूह के संस्थापक चेयरमैन गौतम अदाणी पर अमेरिका में अभियोग के बावजूद समूह में निवेश को लेकर उसका नजरिया बदला नहीं है।

इस बीच, श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण और तंजानिया सरकार ने भी अदाणी समूह को पूरा समर्थन देने की बात कही है।

अदाणी समूह के प्रमुख विदेशी निवेशकों में से एक आईएचसी ने एक बयान में कहा, ‘‘ अदाणी समूह के साथ हमारी साझेदारी हरित ऊर्जा और टिकाऊ क्षेत्रों में उनके योगदान में हमारे विश्वास को दर्शाती है।’’

अईएचसी 100 अरब अमेरिकी डॉलर के करीब परिसंपत्तियों का प्रबंधन करने वाली सबसे बड़े सरकारी कोष में से एक है।

बयान में कहा गया, ‘‘ हमारे सभी निवेशों की तरह हमारा दल प्रासंगिक जानकारी और घटनाक्रम का मूल्यांकन करना जारी रखे हुए है। इस समय इन निवेशों पर हमारा नजरिया यथावत है।’’

आईएचसी ने अप्रैल 2022 में समूह की नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी अदाणी ग्रीन एनर्जी लि. (एजीईएल) और बिजली कंपनी अदाणी ट्रांसमिशन में करीब 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश किया था। उसने समूह की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज में एक अरब डॉलर का निवेश किया था।

हालांकि बाद में, उसने एजीईएल में अपनी 1.26 प्रतिशत हिस्सेदारी और एटीएल (जिसे अब अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड कहा जाता है) में 1.41 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी थी लेकिन अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर पांच प्रतिशत की थी।

इस बीच, अन्य अंतरराष्ट्रीय भागीदारों ने भी अदाणी समूह के प्रति अपना समर्थन दोहराया है। श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण ने अदाणी समूह के साथ अपनी साझेदारी में भरोसा जताया है जिसने उनके देश के बंदरगाह बुनियादी ढांचे के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कोलंबो टर्मिनल में एक अरब डॉलर के निवेश के साथ यह परियोजना श्रीलंका के बंदरगाह क्षेत्र में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश होगा।

खबरों के अनुसार, श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण के चेयरमैन एडमिरल सिरीमेवान रणसिंघे (सेवानिवृत्त) ने कहा कि परियोजना को रद्द करने के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई है। यह परियोजना अगले कुछ महीनों में चालू हो जाएगी।

तंजानिया सरकार ने भी अदाणी पोर्ट्स के साथ अपने समझौतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की है। उसका मानना है कि मौजूदा परियोजनाओं को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है और सभी अनुबंध पूरी तरह से तंजानिया के कानून का अनुपालन करते हैं।

तंजानिया और अदाणी पोर्ट्स ने मई 2024 में दार एस सलाम बंदरगाह पर कंटेनर टर्मिनल-2 को संचालित करने के लिए 30 साल के रियायत समझौते को अंतिम रूप दिया था।

इसके अलावा अदाणी पोर्ट्स ने सार्वजनिक क्षेत्र की तंजानिया इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल सर्विसेज में 95 प्रतिशत हिस्सेदारी 9.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर में हासिल की है।

इससे पहले अदाणी समूह ने कहा था कि उद्योगपति गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी पर कथित रिश्वतखोरी के मामले में अमेरिका के विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (एफसीपीए) के उल्लंघन का कोई आरोप नहीं लगाया गया है। बल्कि उन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी के तहत आरोप लगाया गया है जिसमें मौद्रिक दंड लगाया जा सकता है।

एजीईएल पर आरोप है कि सौर ऊर्जा बिक्री ठेका हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वत दी गई, जिससे कंपनी को 20 वर्ष की अवधि में दो अरब अमेरिकी डॉलर का लाभ हो सकता था।

कंपनी ने कहा कि एजीईएल के तीन अधिकारियों पर केवल प्रतिभूति धोखाधड़ी की साजिश, वायर धोखाधड़ी की साजिश और प्रतिभूति धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। आम तौर पर ऐसे आरोपों के लिए दंड रिश्वतखोरी की तुलना में कम गंभीर होते हैं।

अदाणी समूह ने पिछले सप्ताह सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वह अपने बचाव के लिए हर संभव कानूनी रास्ता अपनाएगा।

भाषा निहारिका रमण

रमण