वायदा एवं विकल्प खंड में 91 प्रतिशत व्यक्तिगत कारोबारियों को हुआ नुकसान: सेबी अध्ययन |

वायदा एवं विकल्प खंड में 91 प्रतिशत व्यक्तिगत कारोबारियों को हुआ नुकसान: सेबी अध्ययन

वायदा एवं विकल्प खंड में 91 प्रतिशत व्यक्तिगत कारोबारियों को हुआ नुकसान: सेबी अध्ययन

:   Modified Date:  September 23, 2024 / 07:03 PM IST, Published Date : September 23, 2024/7:03 pm IST

नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) वायदा एवं विकल्प खंड में बीते वित्त वर्ष 2023-24 में 91 प्रतिशत यानी 73 लाख व्यक्तिगत कारोबारियों को नुकसान हुआ है। इन कारोबारियों को औसतन 1.2 लाख प्रति व्यक्ति का शुद्ध घाटा हुआ। बाजार नियामक सेबी के सोमवार को जारी एक अध्ययन में यह कहा गया है।

इसके अलावा, वायदा एवं विकल्प खंड से जुड़े एक करोड़ से अधिक व्यक्तिगत कारोबारियों में से 93 प्रतिशत को तीन साल यानी वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान प्रति कारोबारी औसतन लगभग दो लाख रुपये (लेन-देन लागत सहित) का नुकसान हुआ। इस अवधि के दौरान ऐसे कारोबारियों का कुल घाटा 1.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा।

वित्त वर्ष 2023-24 में ही कारोबारियों को कुल मिलाकर लगभग 75,000 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के अध्ययन में पाया गया कि घाटा उठाने वाले शीर्ष 3.5 प्रतिशत… लगभग चार लाख कारोबिारियों… को लेनदेन लागत सहित उसी अवधि के दौरान प्रति व्यक्ति औसतन 28 लाख रुपये का नुकसान हुआ।

दूसरी ओर, केवल 7.2 प्रतिशत व्यक्तिगत कारोबारियों ने तीन साल की अवधि में लाभ कमाया और केवल एक प्रतिशत व्यक्तिगत कारोबारी लेनदेन लागत के समायोजन के बाद एक लाख रुपये से अधिक मुनाफा कमाने में कामयाब रहे।

इसके अलावा, खुदरा काराबारियों या व्यक्तिगत कारोबारियों की संख्या दो साल में लगभग दोगुनी होकर वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 96 लाख हो गई जो 2021-22 में करीब 51 लाख थी।

हालांकि, ऐसे निवेशकों ने वित्त वर्ष 2023-24 में कुल कारोबार में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान दिया।

सेबी ने कहा, ‘‘अच्छे कारोबारी मंच की उपलब्धता और कम लेनदेन लागत ने खुदरा निवेशकों को वायदा एवं विकल्प अनुबंधों में सक्रिय रूप से कारोबार करने में मदद की है। इससे बाजार में तरलता में वृद्धि हुई है।’’

नियामक ने कहा कि वायदा एवं विकल्प खंड (एफ एंड ओ) खंड में गतिविधियों में तेजी से वृद्धि ने निवेशक शिक्षा और जोखिम प्रबंधन गतिविधियों की जरूरत को बताया है, क्योंकि खुदरा कारोबारियों का एक बड़ा हिस्सा बाजार में नुकसान उठा रहा है।

इससे पहले सेबी ने जनवरी, 2023 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें पाया गया कि इक्विटी वायदा एवं विकल्प खंड में 89 प्रतिशत व्यक्तिगत कारोबारियों ने वित्त वर्ष 2021-22 में अपना पैसा गंवाया।

शेयर और इक्विटी वायदा एवं विकल्प बाजारों में व्यक्तिगत निवेशकों की बढ़ती भागीदारी के साथ, सेबी ने यह अध्ययन किया है। इसका मकसद वित्त वर्ष 2021-22 और 2023-24 के दौरान वायदा एवं विकल्प खंड में व्यक्तिगत कारोबारियों के लाभ और नुकसान की स्थिति का आकलन करना था। साथ ही सभी श्रेणी के निवेशकों के लिए 2023-24 के दौरान वायदा एवं विकल्प खंड में लाभ और हानि की स्थिति का विश्लेषण करना था।

रिपोर्ट के अनुसार, जहां व्यक्तियों को वायदा एवं विकल्प खंड में नुकसान हुआ, वहीं विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और वित्तीय संस्थानों ने लाभ कमाया। वित्तीय इकाइयों ने वित्त वर्ष 2023-24 में वायदा एवं विकल्प खंड में लगभग 33,000 करोड़ रुपये का सकल मुनाफा कमाया। उसके बाद एफपीआई का स्थान रहा जिसने लगभग 28,000 करोड़ रुपये का सकल मुनाफा कमाया।

इसके विपरीत, व्यक्तियों और अन्य लोगों को वित्त वर्ष 2023-24 में (लेन-देन लागत के हिसाब से पहले) 61,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।

आबादी के हिसाब से युवा कारोबारियों (30 वर्ष से कम आयु) की भागीदारी वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 43 प्रतिशत हो गयी जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 31 प्रतिशत थी।

इनमें से लगभग 93 प्रतिशत युवा कारोबारियों को वित्त वर्ष 2023-24 में वायदा एवं विकल्प खंड में में घाटा हुआ।

भाषा रमण अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)