हुनर निखारने की योजना बना रहे हैं 85 प्रतिशत पेशेवर: रिपोर्ट

हुनर निखारने की योजना बना रहे हैं 85 प्रतिशत पेशेवर: रिपोर्ट

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  • Publish Date - June 26, 2024 / 07:11 PM IST,
    Updated On - June 26, 2024 / 07:11 PM IST

नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) देश में विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे लगभग 85 प्रतिशत पेशेवर वित्त वर्ष 2024-25 में कौशल बढ़ाने में निवेश करने को इच्छुक हैं। वैश्विक शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी ग्रेट लर्निंग ने एक रिपोर्ट में यह कहा है।

कौशल विकास के रुख पर जारी रिपोर्ट 2024-25 में यह भी कहा गया है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद हाल-फिलहाल नौकरी में आये युवाओं में 83 प्रतिशत से अधिक हुनरमंद बनने की इच्छा रखते हैं। जबकि बीते वित्त वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 75 प्रतिशत था।

ग्रेट लर्निंग के सह-संस्थापक हरि कृष्णन नायर ने बयान में कहा, ‘‘ बदलते परिवेश में आगे बढ़ने के लिए पेशेवरों के लिए निरंतर सीखना और कौशल बढ़ाना महत्वपूर्ण है।’’

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘चालू वित्त वर्ष में विनिर्माण, इंजीनियरिंग, पूंजीगत सामान और बीएफएसआई (बैंक, वित्तीय सेवाएं और बीमा) के पेशेवरों के बीच हुनरमंद बनने की मांग सबसे अधिक है। पेशेवरों के बीच हुनरमंद बनने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) डेटा साइंस, और मशीन लर्निंग सबसे पसंदीदा क्षेत्र के रूप में उभरे है।’’

इसमें कहा गया है कि 79 प्रतिशत पेशेवरों का मानना है कि अपने करियर को बेहतर बनाने के लिए हुनरमंद होना महत्वपूर्ण है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्रौद्योगिकी स्तर पर हो रहे बदलाव और वृहद आर्थिक स्थितियों के बीच, भारतीय पेशेवरों में अपनी नौकरी बनाये रखने के भरोसे में भी कमी आई है।

भरोसा जताने वाले लोगों का प्रतिशत घटकर 62 प्रतिशत रह गया है, जबकि पिछले साल 71 प्रतिशत पेशेवरों ने नौकरी बरकरार रहने को लेकर भरोसा जताया था।

नायर ने कहा, ‘‘भरोसे में कमी का कारण वैश्विक स्तर पर वृहद आर्थिक स्थिति और विभिन्न कंपनियों में छंटनी है।’’

बयान के अनुसार, रिपोर्ट के तीसरे संस्करण में देश में पिछले वर्ष के दौरान ग्रेट लर्निंग के कार्यक्रमों में देखे गए रुझानों को प्रस्तुत किया गया है।

साथ ही एक शोध कंपनी के सहयोग से प्रमुख उद्योगों के 1,000 से अधिक पेशेवरों के बीच सर्वेक्षण किया गया ताकि भारतीय पेशेवरों में कौशल को लेकर इच्छाओं को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण रुझानों और कारकों की पहचान की जा सके।

भाषा रमण अजय

अजय