केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के मामले में राहत नहीं दी है। इसके पहले मीडिया रिपोर्ट्स यह थीं कि सरकार 26 जून को केंद्रीय कर्मचारियों के DA उसके बकाए व दूसरी जरूरी मांगों पर फैसला ले सकती है। जिसमें जुलाई से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों का DA व DR बहाल होने की संभावना व्यक्त की जा रही थी। लेकिन अब केंद्रीय कर्मचारियों व पेंशनरों की उम्मीदों को करारा झटका लगा है।
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इस मसले पर 26 जून यानी शनिवार को केंद्रीय कर्मचारियों की संस्था जेसीएम, वित्त मंत्रालय और डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग के अधिकारियों ने बैठक भी की थी लेकिन इसमें कोई नतीजा नहीं निकल सका।
जुलाई 2021 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों को डीए फिर से शुरू करने और केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को महंगाई राहत देने का दावा करने वाले सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पत्र को वित्त मंत्रालय ने झूठा बताया है। वित्त मंत्रालय ने वायरल मैसेज को साझा करते हुए यह स्पष्टीकरण जारी किया है कि यह ऑफिस मेमोरेंडम फर्जी है। भारत सरकार ने इस तरह का कोई आदेश नहीं जारी किया गया है। वित्त मंत्रालय के स्पष्टीकरण से ऐसा आभास हो रहा है कि फिलहाल सरकार का ऐसा इरादा नहीं है।
वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘सोशल मीडिया पर एक दस्तावेज घूम रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और केंद्र सरकार के पेंशनधारकों के लिए महंगाई राहत को जुलाई 2021 से फिर से शुरू किया जा रहा है। यह ऑफिस मेमोरेंडम झूठा है।’
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सोशल मीडिया पर वायरल हुए कथित तौर पर ऑफिस मेमोरेंडम में लिखा गया है कि कोरोना महामारी की वजह से रोके गए डीए और डीआर को एक जुलाई 2021 से फिर चालू किया जा रहा है। इसमें यह भी कहा गया है कि एक जुलाई 2020 से एक जनवरी 2021 के बीच लंबित डीए और डीआर को तीन किस्तों में दिया जाएगा। साथ ही लिखा गया है कि यह आदेश सभी केंद्रीय कर्मचारियों और केंद्र सरकार के पेंशनधारकों के लिए लागू होगा।
यहां आपको बता दें केंद्रीय कर्मचारियों को अभी 17 फीसद डीए मिल रहा है। जनवरी 2019 में यह बढ़कर 21 फीसद हो गया था। लेकिन कोरोना महामारी के कारण बढ़ोतरी को जून 2021 तक फ्रीज कर दिया गया। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि जून 2020 में डीए की रकम 24 फीसद, दिसंबर 2020 में 28 फीसद और जुलाई 21 में 32 फीसद तक बढ़नी चाहिए।
बता दें कि बीते 26 जून को ही वित्त मंत्रालय और केंद्रीय कर्मचारियों को प्रतिनिधियों के साथ बैठक होने वाली थी, इसके अलावा बीते दिन ही कांग्रेस पार्टी ने भी केंद्र सरकार से यह मांग की है कि कर्मचारियों और सैनिकों का बकाया डीए और डीआर का भुगतान किया जाए। कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार को सरकारी कर्मचारियों और सैनिकों को उस महंगाई भत्ते के बकाये का एक जुलाई से पूरा भुगतान करना चाहिए जिसे पिछले साल कोरोना संकट का हवाला देते हुए निलंबित किया गया था। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जिन 1.15 करोड़ लोगों के महंगाई भत्ते रोके गए थे उनमें 41 लाख सैनिक व पूर्व सैनिक हैं।
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उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मोदी सरकार ने पिछले साल एक अजीबो-गरीब निर्णय लेते हुए महंगाई भत्ते को एक जनवरी, 2020 से निलंबित किया। 115 लाख लोगों के पेट पर लात मारी। इसमें सैनिक, सेवनिवृत्त सैनिक और कर्मचारी शामिल हैं।’’ सिंघवी के अनुसार, ‘‘ सरकार की ओर से इसका कारण कोविड संकट बताया गया। उसके इस निर्णय की यह वजह आज तक समझ नहीं आई क्योंकि कोरोना काल में तो लोगों की ज्यादा मदद करनी चाहिए।’’
उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया, ‘‘हमारी मांग है कि एक जुलाई से पूरा बकाया दिया जाए। उसमें कोई छल-कपट नहीं किया जाए। एक जुलाई से आगे का भी पूरा भत्ता दें। इसमें बहुत विलंब हो चुका है। अब देरी नहीं होनी चाहिए।’’
अब ऐसे हालात में जब कि बीते दिन बैठक भी होने वाली थी, और अब जुलाई को महज तीन दिन शेष हैं तो ऐसे में एक जुलाई से डीए और डीआर को लेकर कोई आदेश जारी न होना कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।