8वां वेतन आयोग में नए फॉर्मूले से तय होगी कर्मचारियों की सैलरी ! सुगबुगाहट के क्या हैं मायने

8वां वेतन आयोग में नए फॉर्मूले से तय होगी कर्मचारियों की सैलरी ! सुगबुगाहट के क्या हैं मायने

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  • Publish Date - June 4, 2021 / 10:46 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:55 PM IST

नई दिल्ली। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को साल 2016 में लागू किया गया था। 7वें वेतन आयोग को आए अब 5 साल हो गए हैं। इस बीच 8वें वेतन आयोग को लेकर चर्चाएं शुरु हो गई हैं। केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन का निर्धारण करने के लिए 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का गठन हो सकता है। हालांकि इसकी प्रक्रिया कब शुरु होगी, इसके संबंध किसी की स्पष्ट राय सामने नहीं आई है। इस बीच दो तथ्यों पर सबसे ज्यादा बहस चल रही है। जिसके मुताबिक अब कोई नया वेतन आयोग का गठन नहीं होगा। नए फॉर्मूले से केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन हर साल तय होगा।

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केंद्र सरकार की तरफ से 8वें वेतन आयोग और इसमें अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के संबंध में कोई पुष्टि नहीं की गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक अब समय आ गया है जब वेतन आयोग से अलग फॉर्मूले पर विचार होना चाहिए। कॉस्ट ऑफ लिविंग लगातार बढ़ रही है। इस स्थिति में हर वर्ष कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा करना ज्यादा ठीक होगा।

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सेंट्रल कर्मचारियों के वेतन में इजाफे को लेकर जिस नए फॉर्मूले की चर्चा है वो Aykroyd फॉर्मूला है। इस फॉर्मूले में महंगाई, कॉस्ट ऑफ लिविंग और कर्मचारी की कार्य करने की गुणवत्ता को काउंट किया जाएगा। सकारात्मक रिपोर्ट आने के बाद वेतन में बढ़ोतरी होगी। नाम ना बताने की शर्त पर वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि सुझाव अच्छा है, लेकिन अभी तक ऐसे किसी फॉर्मूले पर कोई मंथन नहीं हुआ है। केंद्र सरकार 8वां वेतन आयोग कब लेकर आएगी, इसको लेकर कोई चर्चा नहीं है।

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इससे पहले 7वें वेतन आयोग की अपनी सिफारिशों में जस्टिस माथुर ने कहा था कि हम पे स्ट्रक्चर को Aykroyd फॉर्मूले के तहत तय करना चाहते हैं। इसमें कॉस्ट ऑफ लिविंग को भी महत्व दिया जाता है। बता दें कि 7वें वेतन आयोग के तहत केंद्र सरकार ने कर्मचारियों की मिनीमम वेतन 7,000 रु से बढ़ाकर 18,000 रुपए किया था। जस्टिस माथुर ने सिफारिश में कहा था कि सरकार को प्राइस इंडेक्स के मुताबिक हर साल केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन की समीक्षा करनी चाहिए ।

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