नयी दिल्ली, 28 जनवरी (भाषा) भारत के 60 प्रतिशत से अधिक अमीर और बेहद अमीर लोग अगले दो वर्षों में रियल एस्टेट में निवेश की योजना बना रहे हैं। एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
लक्जरी संपत्तियों की अग्रणी रियल एस्टेट सलाहकार फर्म इंडिया सोथबी इंटरनेशनल रियल्टी ने मंगलवार को प्रमुख शहरों के 623 अमीरों एवं बेहद अमीर लोगों के बीच कराए गए एक नमूना सर्वेक्षण पर आधारित रिपोर्ट जारी की।
इस रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत की आर्थिक वृद्धि में विश्वास थोड़ा कम होने के बावजूद अब भी मजबूत बना हुआ है। दरअसल, भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर आशावादी नजरिया 2024 के 79 प्रतिशत से घटकर 71 प्रतिशत पर आ गया है।
इसके बावजूद अधिकांश अमीर एवं बेहद अमीर लोगों का मानना है कि भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा, जिसमें सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि छह प्रतिशत से 6.5 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है।
बयान के मुताबिक, रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश को लेकर देश के धनवान लोगों के नजरिये में थोड़ी नरमी आई है। वर्ष 2024 में 71 प्रतिशत धनवान रियल एस्टेट में निवेश की योजना बना रहे थे लेकिन इस साल यह आंकड़ा घटकर 62 प्रतिशत रह गया है।
इस मामूली गिरावट के बावजूद संपत्ति-निर्माण संपत्ति के तौर पर रियल एस्टेट की अपील अब भी बरकरार है।
लगभग आधे उत्तरदाताओं को उम्मीद है कि रियल एस्टेट में निवेश उन्हें 12 प्रतिशत से 18 प्रतिशत के बीच रिटर्न देगा, जबकि 38 प्रतिशत प्रतिभागियों ने 12 प्रतिशत से कम रिटर्न की संभावना जताई है। वहीं 15 प्रतिशत से कम लोगों को 18 प्रतिशत से अधिक रिटर्न की उम्मीद है।
इंडिया सोथबी इंटरनेशनल रियल्टी के प्रबंध निदेशक अमित गोयल ने कहा, ‘‘जब हम 2025 की तरफ देखते हैं तो भारत का लक्जरी रियल एस्टेट बाजार निरंतर वृद्धि के लिए तैयार है। हालांकि, इस समय यह अधिक सतर्क के साथ आशान्वित रुख दर्शा रहा है।’’
भाषा
प्रेम अजय
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