नई दिल्ली। देश के करोड़ों पीएफ खाताधारकों को आज ब्याज दरों में राहत मिलेगी या फिर कटौती होगी। इसका फैसला कुछ देर में ही हो जाएगा। आज कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के ट्रस्टी बोर्ड की श्रीनगर में ब्याज दर को लेकर बैठक हो रही है। इस बैठक में बड़े निर्णय लिए जा सकते हैं।
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गौरतलब है कि पीएफ पर ब्याज दर पहले से ही सात साल के निचले स्तर पर है। पिछले वित्त वर्ष में ब्याज दर 8.5 फीसदी तय की गई थी। विशेषज्ञों की माने तो कोरोना संकट को देखते हुए इस वित्त वर्ष यानी 2020-21 के लिए ब्याज दर में कटौती की जा सकती है।
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आंकड़ों की ओर नजर डाले तो 31 दिसंबर, 2020 तक ईपीएफओ ने कोरोना संकट में शुरू की गई एडवांस स्कीम के तहत 56.79 लाख दावों में 14,310.21 करोड़ रुपये की रकम वापस की है। इस तरह अप्रैल से दिसंबर तक फाइनल सेटलमेंट, मौतों, बीमा, एडवांस सहित कुल मिलाकर पीएफ से 73,288 करोड़ रुपये की रकम निकाली गई है। इसी तरह निजी कंपनियों के ट्रस्ट से चलने वाले पीएफ से भी करीब 3,983 करोड़ रुपये निकाले गए हैं।
पिछले साल मार्च में केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड ने 2019-20 के लिए 8.5 फीसदी ब्याज दर तय की थी। बजट 2021 के ऐलान के बाद प्रोविडेंट फंड में निवेश करने वालों को झटका लगा है। प्रोविडेंट फंड में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा के कॉन्ट्रिब्यूशन की रकम से मिले ब्याज पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया गया है।
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