चंडीगढ़, 19 अक्टूबर (भाषा) पंजाब के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक ने शनिवार को बताया कि राज्य की मंडियों में अब तक कुल 16.37 लाख टन धान की खरीद में से लगभग 2.62 लाख टन धान का उठाव हो चुका है।
धान की फसल की ‘धीमी’ खरीद के खिलाफ किसानों के विरोध के बीच, मंत्री ने राज्य के चावल मिल मालिकों से आगे आने और अपनी मिलिंग का काम शुरू करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी है।
कई किसान समूह धान की ‘धीमी खरीद’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसके कारण मंडियों में धान की अधिकता हो गई है।
राज्य के चावल मिल मालिक और कमीशन एजेंट भी किसानों के विरोध का समर्थन कर रहे हैं।
राज्य के चावल मिल मालिकों ने ताजा धान की फसल को रखने के लिए जगह की कमी की शिकायत की है। वे चाहते हैं कि केंद्र सरकार गेहूं और धान के मौजूदा भंडार को खत्म कर दे ताकि पर्याप्त जगह बनाई जा सके।
चावल मिल मालिकों ने पीआर-126 धान किस्म के ‘आउट-टर्न’ अनुपात (मिलिंग के बाद की उपज) पर भी चिंता जताई है। उनका दावा है कि इससे भारी नुकसान होगा। उन्होंने कहा है कि इस किस्म का आउट-टर्न अनुपात केंद्र सरकार द्वारा तय 67 प्रतिशत से कम है।
मंत्री ने शनिवार को कहा कि ताजा फसल के भंडारण के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध होगी। उन्होंने आगे बताया कि किसानों को उनकी उपज के भुगतान के रूप में 3,000 करोड़ रुपये से अधिक मिले हैं। खरीफ विपणन सत्र 2024-25 के लिए पंजाब से 185 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है।
भाषा अनुराग पाण्डेय
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