पीएम गतिशक्ति के तहत 15.89 लाख करोड़ रुपये की 228 ढांचागत परियोजनाओं को मंजूरी की सिफारिश

पीएम गतिशक्ति के तहत 15.89 लाख करोड़ रुपये की 228 ढांचागत परियोजनाओं को मंजूरी की सिफारिश

  •  
  • Publish Date - November 20, 2024 / 06:54 PM IST,
    Updated On - November 20, 2024 / 06:54 PM IST

नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) में अतिरिक्त सचिव राजीव सिंह ठाकुर ने बुधवार को कहा कि पीएम गतिशक्ति पहल के तहत सड़क और रेलवे सहित विभिन्न मंत्रालयों की 15.89 लाख करोड़ रुपये की 228 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को अबतक मंजूरी के लिए सिफारिश की गयी है।

इन परियोजनाओं की सिफारिश 13 अक्टूबर, 2021 को शुरू की गई पीएम गतिशक्ति पहल के तहत गठित नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) ने की है।

ठाकुर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘अबतक इस पहल के तहत 1,588,919 लाख करोड़ रुपये की 228 परियोजनाओं का मूल्यांकन किया जा चुका है।’’

पीएम गतिशक्ति प्रणाली के उपयोग के कई लाभ हैं। इसमें इन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बनाने के लिए समय और लागत में उल्लेखनीय कमी शामिल है।

समूह की सिफारिश वाली परियोजनाओं की अधिकतम संख्या सड़क (108) क्षेत्र में है। इसके अलावा रेलवे (85), शहरी विकास (12) और चार तेल और गैस मंत्रालय से संबंधित हैं।

अंतर-मंत्रालयी नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप की हर पखवाड़े बैठक होती है। यह विभिन्न परियोजनाओं के लिए हो रहे प्रयासों को एक साथ लाने और परियोजना स्थान के आसपास व्यापक विकास सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का मूल्यांकन करता है।

यह पहल लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए एक एकीकृत बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए की गई है। 500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाली सभी लॉजिस्टिक और संपर्क संबंधित बुनियादी ढांचा परियोजनाएं एनपीजी के जरिये आती हैं।

वित्त मंत्रालय के तहत सार्वजनिक निवेश बोर्ड (पीआईबी) या व्यय विभाग द्वारा परियोजना की मंजूरी से पहले एनपीजी की अनुमति आवश्यक है।

एनपीजी में संपर्क से जुड़े विभिन्न बुनियादी ढांचा मंत्रालयों/विभागों का प्रतिनिधित्व है। इसमें एकीकृत योजना और प्रस्तावों के एकीकरण के लिए नेटवर्क योजना विभाग के प्रमुख शामिल हैं।

ये सभी विभाग योजना स्तर पर डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) बनाने से पहले अनुमोदन के लिए एनपीजी से संपर्क करते हैं। एनपीजी की मंजूरी के बाद, परियोजना के लिए वित्त मंत्रालय और मंत्रिमंडल से अनुमोदन की सामान्य प्रक्रिया का पालन किया जाता है।

ठाकुर ने यह भी कहा कि विभाग अद्यतन भूमि रिकॉर्ड आंकड़ों के एकीकरण के लिए राज्यों के साथ काम कर रहा है।

उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर योजना की सुविधा के लिए जिला मास्टर प्लान पर भी काम चल रहा है। शुरुआती चरण में, योजना 27 आकांक्षी जिलों के लिए शुरू की गई थी।

क्षेत्र विशेष की आवश्यकताओं को पूरा करने और थोक कार्गों की आवाजाही को बेहतर बनाने के लिए कुशल लॉजिस्टिक को लेकर क्षेत्रीय योजनाएं विकसित की जा रही हैं।

अबतक, कोयले के लिए कुशल लॉजिस्टिक हेतु क्षेत्रीय योजना अधिसूचित की गयी है। सीमेंट क्षेत्र के लिए इसे अंतिम रूप दिया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस्पात और खाद्यान्न क्षेत्रों के लिए भी काम कर रहे हैं।’’

भाषा रमण अजय

अजय