हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए प्रोत्साहन को लेकर 14 कंपनियों ने लगायी बोली |

हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए प्रोत्साहन को लेकर 14 कंपनियों ने लगायी बोली

हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए प्रोत्साहन को लेकर 14 कंपनियों ने लगायी बोली

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Modified Date: December 11, 2024 / 07:50 PM IST
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Published Date: December 11, 2024 7:50 pm IST

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) हरित हाइड्रोजन को बढ़ावा देने की योजना के तहत रिलायंस ग्रीन हाइड्रोजन एंड ग्रीन केमिकल्स, रीन्यू ई-फ्यूल्स और वारी क्लीन एनर्जी सॉल्यूशन समेत कम से कम 14 कंपनियों ने बोली जमा की हैं।

हरित हाइड्रोजन बदलाव योजना के लिए रणनीतिक हस्तक्षेप (साइट) योजना (मोड-1, चरण-दो) के तहत उपलब्ध अधिकतम लाभ 5,400 करोड़ रुपये है।

बोली के लिए समन्वय कर रही सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) के बयान के अनुसार, योजना के दूसरे चरण के तहत लगभग 4,50,000 टन की हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता को लेकर प्रोत्साहन के लिए तकनीकी बोलियां सोमवार को खोली गईं।

योजना के तहत पहले वर्ष में अधिकतम 50 रुपये प्रति किलोग्राम, दूसरे वर्ष में 40 रुपये प्रति किलोग्राम और तीसरे वर्ष में 30 रुपये प्रति किलोग्राम का लाभ दिया जाएगा। इस प्रकार, चरण-दो के तहत उपलब्ध अधिकतम लाभ लगभग 5,400 करोड़ रुपये है।

श्रेणी-एक के तहत सेकी को 4,50,000 टन की उपलब्ध क्षमता के मुकाबले 6,20,000 टन के लिए बोलियां मिली हैं।

इसी तरह, श्रेणी-दो के तहत 40,000 टन की उपलब्ध क्षमता के मुकाबले 6,500 टन के लिए बोलियां प्राप्त हुईं।

एक अधिकारी ने कहा कि बोली दस्तावेज के अनुसार श्रेणी-दो के तहत रखी गयी क्षमता को श्रेणी-एक में स्थानांतरित किया जा सकता है।

श्रेणी-एक के तहत, रिलायंस ग्रीन हाइड्रोजन एंड ग्रीन केमिकल्स लि., वारी क्लीन एनर्जी सॉल्यूशन प्राइवेट लि., एएम ग्रीन अमोनिया (इंडिया) प्राइवेट लि., ग्रीन इन्फ्रा रिन्यूएबल एनर्जी फार्म्स प्राइवेट लि. और एल एंड टी एनर्जी ग्रीन टेक लि. में से प्रत्येक ने 90,000 टन की अधिकतम मात्रा के लिए बोली लगायी।

रीन्यू ई-फ्यूल्स प्राइवेट लि. ने 55,000 टन के लिए बोली लगाई है। वहीं अवाडा ग्रीनएच2 प्राइवेट लि. ने 45,000 टन, ओसियोर एनर्जी इंडिया प्राइवेट लि. ने 20,500 टन और सूर्यदीप केए1 प्रोजेक्ट प्राइवेट लि. ने 19,000 टन के लिए बोलियां लगाई हैं।

जीएच2 सोलर प्राइवेट लि. ने 10,500 टन के लिए बोली लगाई है, जबकि मैट्रिक्स गैस एंड रिन्यूएबल्स लि. के साथ-साथ ओरियाना पावर लिमिटेड ने 10,000-10,000 टन के लिए बोली लगाई हैं।

श्रेणी-दो के तहत केमसेप्ट इंजीनियरिंग प्राइवेट लि. ने 4,000 टन की सबसे बड़ी क्षमता के लिए बोली लगाई है। वहीं मैट्रिक्स गैस एंड रिन्यूएबल्स लिमिटेड ने 1,500 टन और निशाल एंटरप्राइजेज प्राइवेट लि. ने 1,000 टन की क्षमता के लिए बोली लगाई है।

भारत ने जनवरी, 2023 में 19,744 करोड़ रुपये के शुरुआती व्यय के साथ राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन शुरू किया था।

मिशन का लक्ष्य देश में प्रति वर्ष कम से कम 50 लाख टन की हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता विकसित करना है।

भाषा रमण अनुराग

अनुराग

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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