HC Order on Promotion: नायब तहसीलदारों का तहसीलदार बनने का रास्ता साफ़.. अदालत के आदेश से मिली अफसरों को राहत

अदालत के आदेश से तहसीलदार के पद पर पदोन्नति का रास्ता हुआ साफ

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  • Publish Date - January 31, 2025 / 10:37 PM IST,
    Updated On - February 1, 2025 / 12:14 AM IST

High Court Order on Promotion || Image- Live Law

High Court Order on Promotion : लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने शुक्रवार को पिछले एक साल से पदोन्नति पर लगी रोक को हटाते हुए 2016 बैच के नायब तहसीलदारों की प्रदेश में तहसीलदार के पद पर पदोन्नति का रास्ता साफ कर दिया। पीठ ने इस संबंध में दाखिल याचिका का निपटारा करते हुए राज्य सरकार को 2016 बैच के याचिकाकर्ताओं की पदोन्नति पर विचार करने का आदेश दिया है।

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न्यायमूर्ति आलोक माथुर की पीठ ने आशुतोष पांडेय और सिद्धांत पांडेय की अलग-अलग दायर याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया। इसके साथ ही न्यायालय ने 23 जनवरी 2024 के अपने उस अंतरिम आदेश को भी रद्द कर दिया जिसमें उसने 2016 बैच के नायब तहसीलदारों की पदोन्नति पर रोक लगा दी थी।

High Court Order on Promotion :याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उन्होंने 11 जनवरी 2016 के विज्ञापन के सिलसिले में नायब तहसीलदार की भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण की थी लेकिन राज्य सरकार द्वारा उनके नियुक्ति पत्र जारी करने में देर की गई जिससे उनकी वरिष्ठता कम हो गई। इस वजह से उनका नाम राजस्व परिषद द्वारा 10 नवंबर 2023 को शासन को भेजी गई पदोन्नति सूची में नहीं आया। अपर महाधिवक्ता कुलदीप पति त्रिपाठी ने अदालत के समक्ष दलील दी कि प्रदेश में तहसीलदारों की कमी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 380 पद रिक्त हैं और सरकार सभी पात्र अभ्यर्थियों की पदोन्नति पर विचार करने के लिए तैयार है।

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उन्होंने अदालत को बताया कि इस संबंध में राजस्व परिषद द्वारा 17 अक्टूबर 2024 को एक प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया था जिसके तहत तहसीलदार के पद पर पदोन्नति की शर्तों को शिथिल किया जाना है। अगर वह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है तो सभी याचियों की पदोन्नति संभव हो सकेगी। इस पर अदालत ने सरकार को प्रस्ताव पर जल्द फैसला लेने का आदेश भी दिया।

1. क्या इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2016 बैच के नायब तहसीलदारों की पदोन्नति पर लगी रोक हटा दी है?

हाँ, उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने पदोन्नति पर लगी रोक हटाते हुए 2016 बैच के नायब तहसीलदारों की तहसीलदार पद पर पदोन्नति का रास्ता साफ कर दिया है।

2. पदोन्नति में देरी का कारण क्या था?

राज्य सरकार द्वारा नियुक्ति पत्र जारी करने में देरी के कारण 2016 बैच के नायब तहसीलदारों की वरिष्ठता कम हो गई थी, जिससे उनका नाम पदोन्नति सूची में नहीं आया।

3. क्या राज्य सरकार सभी पात्र अभ्यर्थियों की पदोन्नति करने के लिए तैयार है?

हाँ, सरकार ने अदालत को बताया कि वह सभी पात्र अभ्यर्थियों की पदोन्नति पर विचार करने के लिए तैयार है क्योंकि प्रदेश में तहसीलदारों की भारी कमी है।

4. क्या तहसीलदार के पद पर पदोन्नति की शर्तों में बदलाव किया जाएगा?

राजस्व परिषद ने 17 अक्टूबर 2024 को शासन को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें पदोन्नति की शर्तों को शिथिल करने की सिफारिश की गई है।

5. उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को क्या आदेश दिया है?

अदालत ने राज्य सरकार को याचिकाकर्ताओं की पदोन्नति पर विचार करने और राजस्व परिषद के प्रस्ताव पर जल्द निर्णय लेने का आदेश दिया है।