Income tax slab for fy 2024-25: नई दिल्ली: मोदी सरकार के तीसरी पारी का केंद्रीय बजट कल संसद में प्रस्तुत होगा। वित्तमंत्री यह बजट पेश करेंगी। इस साल के बजट को लेकर लोगो में खासा उत्साह हैं। आयकर दाताओं में की भी इस साल के बजट पर अधिक नजर आ रही हैं। इसकी वजह है आईटी स्लैब में बदलाव की सुगबुगाहट।
यहां आपको बता रहे हैं की पिछले तीन सालों में इनकम टैक्स को लेकर क्या बदलाव हुआ हैं और साल 2024 के बजट में इनकम टैक्स में बदलाव को लेकर क्या उम्मीदें कर सकते हैं। हालांकि, सीनियर सिटीजन को पेंशन और ब्याज इनकम वाले 75 साल और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को आयकर रिटर्न दाखिल करने से छूट दी गई थी। उन लोगों के लिए टैक्स ऑडिट लिमिट 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दी गई, जिन्होंने अपना 95% डिजिटल ट्रांजेक्शन रूप से किया। कोविड-19 बीमारी के जुड़े खर्चों पर टैक्स छूट दी गई।
आगामी बजट में हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर सरकार बड़ा कदम उठा सकती है। दरअसल, हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 80डी के तहत कटौती की सीमा को आखिरी बार 9 साल पहले बजट 2015 में 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये किया गया था। साल 2015 के बाद से इस सीमा में कोई वृद्धि नहीं हुई है।हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर सरकार बड़ा कदम उठा सकती है
साल 2023 के बजट में नए टैक्स रीजीम में बदलाव किया गया और ये नया टैक्स सिस्टम डिफॉल्ट टैक्स रीजीम बन गया। सेक्शन 87A के तहत टैक्स रीबेट 25000 रुपये कर दी गई। ये टैक्सेबल इनकम 7 रुपये तक के टैक्सपेयर्स वालों के लिए किया गया।
‘मुझे पति पसंद नहीं, एक पल भी नहीं रहूंगी’, शादी के तीसरे दिन ही किया दूल्हे को रिजेक्ट
टैक्स स्लैब (नया टैक्स रीजीम):
टैक्सपेयर्स बजट में बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं। कई लोगों को उम्मीद है कि सरकार बेसिक छूट लिमिट को मौजूदा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करेगी। नए टैक्स रीजीम को पहले से अधिक आकर्षित बनाया जाए। बढ़ती आय के साथ, मध्य आय वर्ग के बीच सेविंग और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए टैक्स छूट लिमिट को 7.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया जाए। स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाया जाए।