नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को संसद में मोदी सरकार 3.0 का बजट पेश कर दिया है। बजट के दौरान उन्होंने कई बड़े ऐलान किए। इस बार का बजट कृषि, रोजगार, सामाजिक न्याय, विनिर्माण और सेवाएं, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, नवाचार, अनुसंधान और विकास और अगली पीढ़ी के सुधारपर फोकस रहा। अपने सातवें बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के किसानों के लिए कई ऐलान किए। वहीं, बजट पेश होने के बाद कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने केंद्रीय बजट पर कहा, कि “किसानों से बड़े वादे किए थे लेकिन उन्हें क्या मिला? न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य का जिक्र हुआ और न ही किसान सम्मान निधि बढ़ी। बेरोजगारी दूर करने की बात हुई थी। सोने-चांदी के दाम तो कम कर देंगे आप, लेकिन आम जनता की जरूरतें कैसे पूरी करेंगे। कुल मिलाकर अगर देखें तो यह निराश करने वाला था और उन्होंने बिहार और आंध्र प्रदेश को एक ‘झुनझुना’ थमा दिया है। ”
#WATCH कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने केंद्रीय बजट पर कहा, “किसानों से बड़े वादे किए थे लेकिन उन्हें क्या मिला? न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य का जिक्र हुआ और न ही किसान सम्मान निधि बढ़ी… कुल मिलाकर अगर देखें तो यह निराश करने वाला था और उन्होंने बिहार और आंध्र प्रदेश को एक… pic.twitter.com/xbdv6vryCz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 23, 2024
बजट में किसानों के लिए ये ऐलान
वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि अगले दो साल में देशभर में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सब्जी उत्पादन एवं आपूर्ति शृंखला के लिए अधिक FPO का गठन किया जाएगा। कृषि भूमि एवं किसानों का रिकॉर्ड डिजिटल करने पर बल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्यों के साथ साझेदारी में केंद्र कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देगा, जबकि पांच राज्यों में जनसमर्थन आधारित ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ पेश किया जाएगा। सरकार दालों के उत्पादन, भंडारण तथा विपणन को मजबूत करेगी।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तेज वृद्धि और रोजगार के अवसरों का सृजन नीतिगत लक्ष्य होगा। उन्होंने कहा कि सरकार झींगा पालन और विपणन के लिए भी वित्त उपलब्ध कराएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार पोलावरम सिंचाई परियोजना के वित्तपोषण और उसे जल्द पूरा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, जिसे आंध्र प्रदेश और उसके किसानों के लिए जीवन रेखा माना जाता है।