केंद्रीय बजट पर सांसद ज्योत्सना महंत ने दी प्रतिक्रिया, बोलीं ‘ये देश नहीं OLX है, सब बेच दो’

केंद्रीय बजट पर सांसद ज्योत्सना महंत ने दी प्रतिक्रिया, बोलीं 'ये देश नहीं OLX है, सब बेच दो'

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  • Publish Date - February 1, 2021 / 12:34 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:44 PM IST

कोरबा। आज देश का बजट पेश किया गया है, केंद्रीय बजट 2020-21 में सरकरी कंपनियों में निजीकरण को बढ़ाने का ऐलान किया है। सरकारी कंपनियों, वित्तीय संस्थाओं, जिनमें दो पब्लिक सेक्टर बैंक भी शामिल हैं और एक इश्योरेंस कंपनी में हिस्सेदारी बेचने का ऐलान किया गया है। जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा है कि ‘ये देश नहीं OLX है, सब बेच दो।

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”hi” dir=”ltr”>ये देश नहीं OLX है, सब बेच दो.</p>&mdash; Jyotsna Charan Das Mahant (@jyotsnamahant) <a href=”https://twitter.com/jyotsnamahant/status/1356160271803326467?ref_src=twsrc%5Etfw”>February 1, 2021</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

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बजट 2021-22 में पीएसई पॉलिसी लाने की घोषणा करते हए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि चार रणनीतिक क्षेत्रों को छोड़कर, सरकारी कंपनियों में विनिवेश किया जाएगा। पॉलिसी में रणनीतिक और गैररणनीतिक क्षेत्रों में विनिवेश को लेकर स्पष्ट रोडमैप होगा। लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (एलआईसी) का आईपीओ लाया जाएगा। इसके अलावा कई सरकारी कंपनियों के विनिवेश का भी ऐलान किया है।

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वित्त मंत्री ने कहा कि आईडीबीआई बैंक, बीपीसीएल, शिपिंग कॉर्पोरेशन, कंटेनर कॉर्पोरेशन, नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड में वित्त वर्ष 2021-22 में रणनीतिक बिक्री का काम पूरा हो जाएगा। एलआईसी में आईपीओ की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए कानून में संशोधन किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि नीति आयोग से सेंट्रल पब्लिक सेक्टर कंपनीज में रणनीतिक विनिवेश के लिए लिस्ट तैयार करने को कहा गया है।

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सीतारमण ने कहा कि घाटे में चल रही सार्वजनिक कंपनियों को बंद करने के तंत्र को तेज किया जाएगा और राज्यों को सार्वजनिक उपक्रमों में हिस्सेदारी बेचने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक प्रोत्साहन पैकेज लाया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पिछले बजट में 2020-21 के लिए निजीकरण से 2.1 लाख करोड़ रुपये जुटाने और राज्यों के स्वामित्व वाली कंपनियों में माइनॉरिटी स्टेक की बिक्री का लक्ष्य रखा था।