Today News and LIVE Update 15 November: चंद्रपुर (महाराष्ट्र): केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “गढ़चिरौली सालों से नक्सलवाद से ग्रसित था नरेंद्र मोदी ने नक्सलवाद को समाप्त करने का काम किया है और जो छत्तीसगढ़ में बचा-कुचा बचा हुआ है उसको 31 मार्च 2026 से पहले हम समाप्त कर देंगे। PM मोदी ने देश को आंतकवाद और नक्सलवाद से मुक्त करने का काम किया है।”
#WATCH चंद्रपुर (महाराष्ट्र): केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “गढ़चिरौली सालों से नक्सलवाद से ग्रसित था नरेंद्र मोदी ने नक्सलवाद को समाप्त करने का काम किया है और जो छत्तीसगढ़ में बचा-कुचा बचा हुआ है उसको 31 मार्च 2026 से पहले हम समाप्त कर देंगे। PM मोदी ने देश को आंतकवाद और… pic.twitter.com/8oFbQ5WSGD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 15, 2024
Today News and LIVE Update 15 November: रायपुर। साल 2021 में मोदी सरकार ने बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया, जिसके बाद से हर साल इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। राजधानी रायपुर में आज जनजाति गौरव दिवस कार्यक्रम का समापन समारोह है। कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम साय ने कहा कि, आज आदिवासी समाज की द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति है। आज मैं एक सामान्य आदिवासी परिवार का मुख्यमंत्री हूं। PM मोदी ने हर स्तर पर आदिवासियों का सम्मान किया है। केंद्र-राज्य सरकार आदिवासियों के लिए योजनाएं बनाई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार दौरे पर हैं। जमुई जिले के बल्लोपुर गांव में वे बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आयोजित जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने आदिवासियों के लिए 6640 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। पीएम ने धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की शुरुआत की। पीएम-जनमन के तहत बनाए गए 11 हजार जनजाति आवासों के गृह प्रवेश में भी वर्चुअली हिस्सा लिया। इसके अलावा देश भर में 10 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का उद्घाटन किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “अभी कुछ दिन पहले ही देश के 60,000 से अधिक आदिवासी गांवों के विकास के लिए हमने एक विशेष योजना शुरू की है। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान। इसके तहत करीब 80,000 करोड़ रुपये आदिवासी गांवों में लगाए जाएंगे। इसका मकसद आदिवासी समाज तक जरूरी सुविधाएं पहुंचाने के साथ-साथ युवाओं के लिए प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर बनाने का भी है। इस योजना के तहत जगह-जगह जनजातीय विपणन केंद्र बनेंगे। लोगों को ‘होम स्टे’ बनाने के लिए मदद दी जाएगी, प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे आदिवासी क्षेत्रों में पर्यटन को बल मिलेगा और आज जो इको-टूरिज़्म की जो परिकल्पना बनी है वो हमारे जंगलों में और आदिवासी परिवारों के बीच में संभव होगा और तब पलायन बंद हो जाएगा, पर्यटन बढ़ता जाएगा।”