The last Saturday of Sawan is a boon

Sawan Somwar 2023: वरदान है सावन का आखिरी शनिवार, राशि अनुसार इस मंत्र के साथ पूजा करने से मिलेगा लाभ

Sawan Somwar 2023: वरदान है सावन का आखिरी शनिवार, राशि अनुसार इस मंत्र के साथ पूजा करने से मिलेगा लाभ The last Saturday of Sawan is a boon

Edited By :   Modified Date:  August 26, 2023 / 11:53 AM IST, Published Date : August 26, 2023/11:53 am IST

Sawan Somwar 2023: सावन का प्रत्येक शनिवार धन प्राप्ति के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इसमें शनि की कृपा बहुत सरलता से मिल सकती है। कहते हैं कि सावन में शनिदेव की उपासना करने से सालभर के फल की प्राप्ति होती है। आज सावन का आखिरी शनिवार है और इस दिन ज्येष्ठा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसी वजह से यह श्रावण शनिवार विशेष फलदायी हो गया है और इसके साथ ही जिन लोगों की राशि में शनि दोष है उसका भी हर समस्या का निवारण हो सकता है।

वरदान है सावन का आखिरी शनिवार
Sawan Somwar 2023: सावन के इस अंतिम शनिवार में विशेष उपाय से संतान संबंधी हर समस्या दूर हो सकती है। आर्थिक समस्याएं और कर्ज से छुटकारा मिल सकता है। इसके साथ ही व्यक्ति के स्वास्थ्य और आयु की रक्षा का वरदान मिल सकता है। दुर्घटनाओं से रक्षा हो सकती है।

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सावन के अंतिम शनिवार राशिनुसार उपाय
मेष- शिव जी को बेलपत्र चढ़ाएं और शनि मंत्र का जप करें.
वृष- पीपल के नीचे दीपक जलाएं. नमः शिवाय का जप करें.
मिथुन- शनि मंत्र का जप करें. पीपल का पौधा लगाएं.
कर्क- पीपल के नीचे दीपक जलाएं. भोजन का दान करें.
सिंह- शिव मन्त्र का जप करें. सिक्कों का दान करें.

कन्या- शिव जी को बेलपत्र अर्पित करें. दीपक जलाएं.
तुला- काली दाल का दान करें. शिव मंत्र का जप करें.
वृश्चिक- शनि मंत्र और शिव मंत्र का जप करें.
धनु- खाने पीने की चीजों का दान करें. शनि मंत्र का जप करें.
मकर- शिव जी को जल अर्पित करें और दीपक जलाएं.
कुम्भ- शिव मंत्र का जप करें. काली वस्तुओं का दान करें.
मीन- शनि मंत्र का जप करें. पीपल का पौधा लगाएं

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शनि देव के मंत्र

1. शनि बीज मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।

2. सामान्य मंत्र
ॐ शं शनैश्चराय नमः।

3. शनि महामंत्र
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

4. शनि का पौराणिक मंत्र
ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
5. शनि का वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।

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