Tea Price Hike : अगर आप चाय के शौकीन हैं तो यह खबर आपके काम की है। चाय की पत्ती की कीमत बढ़ गई है। इसका कारण है कि पत्ती का असम में प्रोडक्शन कम हो रहा है। इस साल चाय का प्रोडक्शन पिछले साल की तुलना में काफी कम हुआ है। वहीं सरकार की कुछ पाबंदियों का भी असर पड़ा है। दुनियाभर में असम और दार्जिलिंग की चाय मशहूर है, लेकिन प्रतिकूल मौसम के चलते जून तक छह करोड़ किलोग्राम उत्पादन कमी हुआ है चाय संगठन का यह अनुमान है। बताया गया कि पहली और दूसरी फसल साल की सबसे हाई क्वालिटी वाली चाय पैदा करती है। इसके नष्ट होने से बिना शक के चाय उत्पादकों की कमाई पर असर पड़ेगा, जिससे चाय की कीमतें बढ़ सकती हैं। वहीं सार दर साल इसमें 20 फीसदी बढ़ोत्तरी हो रही है।
दरअसल, पिछले कुछ समय से चाय के प्रोडक्शन में कमी आ रही है। इससे इस इंडस्ट्री से जुड़े लोग परेशान हैं। चूंकि प्रोडक्शन में कमी है तो जाहिर है कीमत बढ़ेगी ही। कारण है मांग का लगातार बने रहना। इंडस्ट्री से जुड़े एक एक्सपर्ट के मुताबिक मई में तापमान में काफी बढ़ोतरी हुई जिस कारण मौसम काफी गर्म रहा। इस गर्मी की वजह से चाय की फसल को नुकसान पहुंचा है। इसके बाद आई बाढ़ ने और परेशानी बढ़ा दी है। इन दो मुख्य वजहों के कारण असम में चाय का प्रोडक्शन काफी कम हो रहा है। वहीं चाय बोर्ड द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, जून के आखिरी हफ्ते में औसत चाय की कीमतें बढ़कर 217.53 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं, जो एक साल पहले की तुलना में लगभग 20 फीसदी की बढ़ोतरी दिखाता है।
Tea Price Hike : बताया गया कि इस बार मई में पिछले साल की तुलना में प्रोडक्शन में 30 फीसदी की कमी आई है। पिछले साल मई में चाय का प्रोडक्शन करीब 910 लाख किलो था। वहीं दूसरी ओर सरकार की तरफ से 20 कीटनाशकों पर बैन लगाया गया है। असम के उत्तर-पूर्वी इलाके में देश के कुल चाय प्रोडक्शन का 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सा पैदा होता है। इस समय यहां आई बाढ़ से इस इलाके के 20 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। इस साल 150 से 200 किलो चाय का प्रोडक्शन कम होने का अनुमान है। माना जा रहा है कि इस साल चाय की कीमत 16 से 20 फीसदी बढ़ सकती है।