यहां के 138 कोचिंग सेंटरों को तत्काल बंद करने का फैसला, एक लाख रुपए तक लगेगा जुर्माना

यहां के 138 कोचिंग सेंटरों को तत्काल बंद करने का फैसलाः Patna Collector orders immediate closure of coaching centers

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  • Publish Date - April 19, 2022 / 10:16 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 11:45 AM IST

पटनाः बिहार की राजधानी पटना में संचालित 138 कोचिंग सेंटरों को जिला प्रशासन ने तत्काल बंद करने का निर्देश दिए है। जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को समाहरणालय में कोचिंग संस्थान निबंधन समिति की बैठक में ये फैसला लिया गया। दरअसल, बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 के अनुसार ये कोचिंग संस्थान अयोग्य मिले है। इसके साथ ही डीएम ने गैर निबंधित संस्थानों के खोलने की स्थिति में प्रविधान के तहत उनसे 25 हजार से एक लाख रुपये तक जुर्माना वसूलने के साथ ही कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया है।

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जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 के अंतर्गत निबंधन के लिए 609 आवेदन प्राप्त हुए थे। इसके अंतर्गत 287 कोचिंग संस्थानों का निबंधन किया गया। एक सौ 11 कोचिंग संस्थानों को जांच के बाद अयोग्य पाते हुए अस्वीकृत किया गया तथा इन्हें बंद करने का नोटिस दिया गया।

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शेष 211 आवेदनों में से मंगलवार की बैठक में 153 आवेदनों पर विचार किया गया, जिसमें से 126 कोचिंग संस्थानों को निबंधन के लिए स्वीकृत किया गया। 27 जांच के बाद निबंधन के लिए अयोग्य पाए गए। अधिनियम के अंतर्गत 413 आवेदनों को स्वीकृत एवं 138 आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया गया। अयोग्य पाए गए 138 कोचिंग संस्थानों को नोटिस निर्गत करते हुए बंद करने निदेश दिया गया है।

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353 आवेदनों की जांच कराई जा रही
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि निबंधन के लिए 353 आवेदन नए प्राप्त हुए हैं। इसकी जांच अनुमंडल पदाधिकारी के स्तर से कराई जा रही है। डीएम ने दो सप्ताह में सभी की जांच कर प्रतिवेदन देने को कहा है। अगली बैठक में इसपर निर्णय लिया जा सकेगा। डीएम ने कोचिंग संस्थानों के संचालन का नियमित अनुश्रवण करने का निर्देश संबंधित अधिकारी को दिया। उन्होंने इससे संबंधित सूचनाओं को जिला के एनआईसी के वेवसाईट पर समय-समय पर अपलोड करने का निदेश दिया।

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विदित हो कि कोचिंग संस्थानों के निबंधन हेतु छात्र/छात्राओं के लिए समुचित उपस्कर (बेंच, डेस्क आदि), पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था, पेयजल की सुविधा, शौचालय की सुविधा, आकस्मिक चिकित्सा सुविधा, अग्नि सुरक्षा से उपाय, शिक्षकों की पर्याप्त संख्या आदि का होना अनिवार्य है।