Nahid Islam Student Leader became IT Minister in the interim government : ढाका। बांग्लादेश में छात्र आंदोलन तख्तापलट के बाद हिंसा का रूप ले चुका हैं। उम्मीद जताई जा रही थी कि मुहम्मद यूनुस के अगवाई में अंतरिम सरकार बनने के बाद देश में हिंसा का दौर थम जाएगा लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। बांग्लादेश में अब भी उपद्रवी जमकर उत्पात मचा रहे हैं।
बहरहाल इस बीच खबर मिली हैं कि अंतरिम प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस ने कल बनाये गए अपने सलाहकार में से एक नाहिद इस्लाम को मंत्री बनाते हुए उसे बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। यूनुस सरकार में इस छात्र नेता नाहिद को दूरसंचार, प्रौद्योगिकी और डाक सेवा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। गौरतलब हैं कि कल शाम ही बांग्लादेश के नए प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस ने अपने 13 सलाहकारों के साथ शपथ ली थी। इनमें नाहिद इस्लाम का नाम भी शामिल था।
Nahid Islam Student Leader became IT Minister in the interim government : जुलाई के मध्य की गर्मियों में, ढाका विश्वविद्यालय के 26 वर्षीय समाजशास्त्र के छात्र नाहिद इस्लाम, विरोध प्रदर्शनों में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में उभरे, जिसके कारण 15 साल के कार्यकाल के बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा। अपने नेतृत्व के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पहचाने जाने वाले इस्लाम और उनके साथी छात्रों को सरकार के खिलाफ इन प्रदर्शनों के दौरान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जिसके कारण अंततः उनकी लोकप्रियता में वृद्धि हुई।
सरकारी नौकरियों में कोटा के खिलाफ आंदोलन के रूप में शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन हसीना को सत्ता से हटाने के अभियान में बदल गया।
Nahid will take care of the telecommunications, information technology and posts ministry in the government being led by Nobel Peace Prize laureate Muhammad Yunus.
· Student leaders rewarded with key ministries in Bangladesh interim government
: https://t.co/OnkSKwpSv1 pic.twitter.com/WWNuHmXt1e — IANS (@ians_india) August 9, 2024
कौन हैं छात्र नेता नाहिद इस्लाम?
नाहिद इस्लाम ढाका विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र की छात्रा हैं। नाहिद ने ही बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर छात्र विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। इस विरोध प्रदर्शन को देश भर के विभिन्न छात्र समूहों और कार्यकर्ताओं से समर्थन और गति मिली है। छात्रों ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए दबाव बनाने के उद्देश्य से बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। ढाका में महीने भर से चल रहे आरक्षण विरोधी और सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण मौजूदा प्रधानमंत्री बढ़ती अशांति से बचने के लिए शहर छोड़कर भाग गए हैं। इसके परिणामस्वरूप सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच तनाव बढ़ गया है।
बांग्लादेश में बिगड़े हालात का असर अब वहां के रहवासियों पर पड़ता नजर आ रहा हैं। हिंसा, आगजनी और लूटपाट के बीच अब लोग बांग्लादेश छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं। ऐसे में उनके सामने सबसे आसान रास्ता भारत का है। यही वजह हैं कि हजारों की संख्या में बांग्लादेश हिंसा के पीड़ित भारत-बांग्लादेश के सीमावर्ती जिले कूच बिहार के तोरसा नदी पर डटे हुए हैं।
Read Also: पेरिस ओलंपिक के समापन समारोह में मनु भाकर के साथ भारत के ध्वजवाहक होंगे श्रीजेश
Nahid Islam Student Leader became IT Minister in the interim government : वही दूसरी तरह किसी भी तरह की घुसपैठ की आशंका को देखते हुए सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने भी मोर्चा संभाल लिया हैं। सशस्त्र बल के जवान बड़ी संख्या में सीमाई इलाको की निगरानी कर रहे हैं। आला अफसरों के निर्देश पर वह भारत-बांग्लादेश के सभी सीमाई जिलों में तैनात हो चुके हैं।
West Bengal, Cooch Behar: Due to unrest in Bangladesh, Bangladeshis have gathered at the Shitalkuchi Pathantuli border, attempting to cross into India. The BSF is closely monitoring to prevent illegal entry pic.twitter.com/91K9NY3Dzz
— IANS (@ians_india) August 9, 2024
Bangladeshis trying to enter the Indian border: बता दें कि बांग्लादेश के मौजूदा हालत को लेकर भारत सरकार सतर्क है। अब केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि सीमा पर नजर रखने की खातिर सरकार ने एक समिति का गठन किया है। सीमा सुरक्षा बल के पूर्वी कमान के एडीजी को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। इससे पहले बांग्लादेश सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने सतर्कता बढ़ा दी है। बता दें कि बांग्लादेश में हिंसा की घटनाओं ने भारत सरकार की चिंता बढ़ा दी है।
Read Also: पेरिस ओलंपिक के समापन समारोह में मनु भाकर के साथ भारत के ध्वजवाहक होंगे श्रीजेश
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया कि बांग्लादेश में जारी हालात के मद्देनजर मोदी सरकार ने भारत-बांग्लादेश सीमा (आईबीबी) पर मौजूदा हालात पर नजर रखने के लिए एक समिति गठित की है। यह समिति बांग्लादेश में अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ संवाद बनाए रखेगी ताकि वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों, हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस समिति की अध्यक्षता सीमा सुरक्षा बल के पूर्वी कमान के एडीजी करेंगे।
In the wake of the ongoing situation in Bangladesh, the Modi government has constituted a committee to monitor the current situation on the Indo-Bangladesh Border (IBB). The committee will maintain communication channels with their counterpart authorities in Bangladesh to ensure…
— Amit Shah (@AmitShah) August 9, 2024