नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) बिल पर बवाल, एम्स समेत दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल, विरोध के कारण समेत अन्य पहलुओं को समझिए

नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) बिल पर बवाल, एम्स समेत दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल, विरोध के कारण समेत अन्य पहलुओं को समझिए

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  • Publish Date - August 1, 2019 / 02:55 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:55 PM IST

नई दिल्ली | लोकसभा में नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) बिल पास होने के बाद देशभर में डॉक्टर्स का विरोध बढ़ता जा रहा है, और डॉक्टरों ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी। बता दें कि डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से मरीजों को दिक्कतों का सामना कर पड़ सकता है।

दिल्ली स्थित एम्स के डॉक्टरों ने गुरुवार को संसद चलो का आह्वान किया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के आह्वान पर डॉक्टरों ने बिहार सहित पूरे देश में  निजी एवं सरकारी अस्पतालों में कार्य का बहिष्कार किया और बाह्य रोगी चिकित्सा सेवा को ठप कर दिया।

आईएमए ने कहा है कि नेशनल मेडिकल कमीशन बिल-2019 के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। आईएमए का कहना है कि इस बिल से मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा शिक्षा महंगी हो जाएगी। इस बिल में कहा गया है कि मेडिकल कॉलेजों के प्रबंधन 50 फीसदी से अधिक सीटों को ज्यादा दर पर बेच पाएंगे। इसके अलावा, इस बिल में मौजूद धारा-32 के तहत प्रावधान है कि करीब 3.5 लाख गैर-चिकित्सा शिक्षा प्राप्त लोगों को लाइसेंस मिलेगा। यानी नीम-हकीमी को बढ़ावा मिलेगा, इससे लोगों की जान खतरे में पड़ जाएगी। आईएमए ने कहा कि बिल में कम्युनिटी हेल्थ प्रोवाइडर शब्द को सही से परिभाषित नहीं किया गया है। इसके अनुसार, अब नर्स, फार्मासिस्ट और पैरामेडिक्स आधुनिक दवाइयों के साथ प्रैक्टिस कर सकेंगे। जबकि, वे इसके लिए प्रशिक्षित नहीं होते हैं।

नीचे समझिए पूरा मामला :

नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) बिल पर बवाल

NMC पर डॉक्टर्स की आपत्ति?

बिल के पक्ष में सरकार का तर्क

कहां से आया विचार 

क्या है NMC बिल ?

बिल में एकल परीक्षा का प्रावधान

मौजूदा डॉक्टर्स की स्थिति

डॉक्टर्स की कमी दूर, कहां-कहां हुए प्रयोग 

कई देशों में सिमिलर व्यवस्था

भारत में भी रही है ऐसी व्यवस्था