लंदन। Liz Truss resigns as Prime Minister post : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वे सिर्फ 44 दिन तक ब्रिटेन की प्रधानमंत्री रहीं। वहीं उनके इस फैसले से देश सियासी खलबली मच गई है। वहीं अब फिर से चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री की रेस में चार नेताओं के नाम सामने आ रह हैं। जिसमें ये नेता बोरिस जॉनसन, ऋषि सुनक, पेनी मॉर्डेंट और सुएला ब्रेवरमैन हैं। वहीं एक बार फिर प्रधानमंत्री की रेस में भारतीय मूल के ऋषि सुनक इस रेस में आगे हैं।
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Liz Truss resigns as Prime Minister post : मालूम होगा कि चुनाव में भारतीय मूल के ऋषि सुनक और लिज ट्रस के बीच रोचक मुकाबला हुआ था। जिमसें लिज ट्रस की जीत हुई थी। वहीं अब उनके इस्तीफे के बाद फिर से भारतीय मूल के ऋषि सुनक ने दावेदारी पेश की है। लेकिन इस बार कुछ अलग ही होने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि अगर कंजर्वेटिव पार्टी ब्रिटेन के मौजूदा संकट से निपटने के लिए एकमत होकर किसी एक नेता को चुनने का फैसला करती है, तो ऐसे में बोरिस जॉनसन के नाम पर मुहर लग सकती है।
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बना ये रिकॉर्ड
Liz Truss resigns as Prime Minister post : उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में प्रधानमंत्री के लिए 55 दिन की लंबी प्रक्रिया चली। वहीं अंतिम में रेस में लिज ट्रस पीएम चुनी गई। उन्होंने भारतीय मूल के ऋषि सुनक को मात दी थी। इसी के साथ लिज ट्रस के नाम सबसे कम दिन ब्रिटेन की पीएम रहने का रिकॉर्ड बन गया। इससे पहले ब्रिटेन के पूर्व पीएम जॉर्ज कैनिंग 1827 में 119 दिनों तक सत्ता में रहे थे। उनका निधन हो गया था। ब्रिटेन में सबसे अधिक समय तक पीएम रहने वाले नेता सर रॉबर्ट वालपोल हैं। वे 20 वर्ष 314 दिन तक ब्रिटेन के पीएम रहे।
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लिज ट्रस की इस्तीफे की सामने आई ये वजह
लिज ट्रस ने चुनाव प्रचार के दौरान टैक्स में कटौती समेत कई बड़े बड़े वादे किए थे। मौजूदा समय में ब्रिटेन महंगाई और आर्थिक संकट से जूझ रहा है। ऐसे में ब्रिटेन की जनता को ट्रस से काफी उम्मीदें भी थीं। उन्होंने पीएम बनने के बाद संसद में मिनी-बजट पेश किया था। इस बजट में उन्होंने टैक्स कटौती समेत कई बड़े कदम उठाए थे। लेकिन इसके बाद ब्रिटेन में मंदी जैसे हालात पैदा होने लगे। ऐसे में जल्द ही इन फैसलों को सरकार ने वापस ले लिया। इसके बाद से वे अपनी पार्टी में ही घिर गई थीं। उन्होंने हाल ही में वित्त मंत्री और अपने पुराने सहयोगी क्वासी क्वार्टेंग को भी बर्खास्त कर दिया था। इतना ही नहीं उनके पार्टी के सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का भी फैसला किया था।