भोपाल। Face To Face Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश के तीर्थ स्थानों में अब शराब नहीं बिकेगी, पवित्र धाम शराब और शराबियों से मुक्त रहेंगे। सीएम मोहन यादव के इस एलान ने क्या हिंदुत्व की राजनीति को एक नया मोड़ दे दिया है ?क्या इसके जरिए ऐसा ईको सिस्टम तैयार करने की कोशिश हो रही है, जहां हर कदम पर हिंदू और हिंदुत्व के सेंटीमेंट्स का ध्यान रखा जाएगा?
एमपी के मुखिया डॉ मोहन यादव ने प्रदेश की 17 धार्मिक नगरियों में शराबबंदी करने का ऐलान कर दिया है। मोहन सरकार 24 जनवरी को महेश्वर में होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगाएगी और साथ ही नई आबकारी नीति ला सकती है सीएम डॉ मोहन यादव ने 10 दिन पहले ही इस फैसले के संकेत दे दिए थे। उन्होंने कहा था कि, धार्मिक नगरों से शराब पर बैन लगाने पर कई संतों के सुझावों आए थे जिसपर सरकार ने गंभीरता से विचार किया।
इधर, प्रदेश में लंबे समय से शराब बंदी की मांग कर रही पूर्व सीएम उमा भारती ने इस फैसले का स्वागत किया है। शराब पर फैसला आया तो सियासत ने सुरुर पकड़ लिया। कांग्रेस ने सरकार के इस फैसला पर तंज कसा। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि, प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी होनी चाहिए। वहीं आरोप लगाया कि, प्रदेश में पुलिस और एंबुलेंस से पहले शराब पहुंच रही।
Face To Face Madhya Pradesh: सियासत अपनी जगह लेकिन लगातार हिंदुत्व को लेकर सीएम मोहन के फैसले बताते हैं कि सरकार धार्मिक एजेंडे पर चल रही है। लेकिन कांग्रेस ने जो पूर्ण शराबबंदी को लेकर सवाल उठाए हैं तो कहीं ये संग्राम की शुरुआत तो नहीं।
Follow us on your favorite platform: