भारतीय संस्कृति में गुरू को सर्वोच्च स्थान’, CM भूपेश बघेल और राज्यपाल उइके ने दी गुरू पूर्णिमा की शुभकामनाएं

भारतीय संस्कृति में गुरू को सर्वोच्च स्थान’, CM भूपेश बघेल और राज्यपाल उइके ने दी गुरू पूर्णिमा की शुभकामनाएं
Modified Date: November 29, 2022 / 06:28 am IST
Published Date: July 23, 2021 9:01 pm IST

रायपुर, 23 जुलाई 2021। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरू पूर्णिमा के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने गुरू पूर्णिमा पर जारी अपने संदेश में कहा है कि महाभारत और वेदों के रचयिता महर्षि वेद व्यास के अवतरण दिवस आषाढ़ पूर्णिमा के दिन भारत में गुरू पूर्णिमा मनाने की परम्परा रही है है। यह विशेष दिन अपने आराध्य गुरू के मार्गदर्शन और अमूल्य ज्ञान के प्रति आस्था, सम्मान और आभार प्रगट करने का महापर्व है।

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सीएम बघेल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरू को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। उन्हें साक्षात परब्रम्ह की संज्ञा दी गई हैं क्योंकि वे अज्ञानता के अंधकार को मिटाकर ज्ञान की रोशनी की ओर लेकर जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरूजन सही राह दिखाकर जीवन को प्रगति की दिशा में लेकर जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। गुरू पूर्णिमा के पवित्र दिन हमें गुरूओं की अमूल्य शिक्षा को जीवन में उतारकर उसका सकारात्मक प्रभाव अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के संकल्प के साथ बढ़ना चाहिए।

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वहीं राज्यपाल अनुसुइया उइके ने गुरू पुर्णिमा के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी है। राज्यपाल ने अपने संदेश में कहा है कि गुरू का किसी भी व्यक्ति के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है। गुरू अंधकार से निकालकर उजियारे की ओर ले जाता है, उसे मार्गदर्शन देता है। सही और गलत में निर्णय करना सिखाता है। सही अर्थों में उसका दूसरा जन्मदाता होता है। प्राचीन काल से हमारे देश में गुरू को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। उन्हें साक्षात परब्रम्हा की उपमा दी गई है। इस अवसर पर हमें अपने गुरूजनों को याद करते हुए उनकी दी गई शिक्षा को जीवन में उतारने का संकल्प लेना चाहिए।


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