Marry Apart from Caste and Religion: मुंबई। अपनी जाति और धर्म से बाहर शादी करने वालों पर महाराष्ट्र में राज्य सरकार पैनी नजर रख रही है। यह फैसला हाल ही श्रद्धा वालकर हत्याकांड के कारण लिया गया है। सरकार ने इस बारे में एक शासनादेश (GR) जारी किया है कि इसके लिए 13 सदस्यों की समिति गठित कर दी है। इसका अध्यक्ष महिला और बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा को बनाया गया है। महिला और बाल विकास विभाग आयुक्तालय, पुणे की उपायुक्त इस समिति की सचिव हैं।
हालांकि विपक्ष ने सरकार के इस कदम का विरोध किया है और इसे लोगों की जासूसी करने वाला कदम बताया है, लेकिन लोढ़ा ने कहा कि समिति के काम का दायरा बहुत छोटा है और श्रद्धा वालकर जैसे मामले न होने देने की एक कोशिश है।
बता दें कि पिछले महीने मंत्री लोढ़ा ने राज्य महिला आयोग से उन महिलाओं की पहचान के लिए एक विशेष दस्ते का गठन करने के लिए कहा था, जिन्होंने परिवार की रजामंदी के बिना शादी की और बाद में अलग हो गईं। यह फैसला श्रद्धा वालकर हत्याकांड को देखते हुए लिया गया था।
marry apart from caste and religion: राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल में कहा था कि उनकी सरकार ‘लव जिहाद’ पर अन्य राज्यों द्वारा बनाए गए कानून का अध्ययन करेगी, लेकिन राज्य में फिलहाल इस तरह का कानून लाने का फैसला नहीं किया गया है।
उल्लेखनीय है कि ‘लव जिहाद’ का इस्तेमाल अक्सर दक्षिणपंथी कार्यकर्ता करते हैं और आरोप लगाते हैं कि इसके तहत मुस्लिम पुरुष शादी के माध्यम से धर्म परिवर्तन के लिए हिंदू महिलाओं को लुभाते हैं।
– राज्य में जिला स्तर पर पंजीकृत और अपंजीकृत अंतरजातीय और अंतरधार्मिक शादी करने वालों की जानकारी।
– धार्मिक स्थलों होने वाली शादियों की भी जानकारी।
– अलग धर्म के युवक या युवती के साथ भागकर की जाने की जानकारी।
– मैरेज रजिस्ट्रार ऑफिस से भी इस तरह की जानकारी।
– धर्म और जाति के बाहर शादी करने वाली नव-विवाहित लड़कियों और महिलाओं के परिवार से संपर्क करेगी।
– ऐसी जो लड़कियां या महिलाएं अपने माता-पिता के संपर्क में नहीं हैं, उनसे उनके माता-पिता का पता और नंबर लेकर संपर्क करेगी।
– अगर माता-पिता इस शादी से सहमत या खुश नहीं हैं, तो उनकी काउंसलिंग कराई जाएगी।
– महिला और बाल विकास विभाग के मार्फत समाज में होने वाले जाति और धार्म से बाहर शादियों में आने वाली समस्याओं, नीतियों, कानूनों और इस बारे में केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का अध्ययन करना।
– उनमें आवश्यक संसोधन सुझाव देना और इन योजनाओं के प्रभावी अमल की सिफारिश करना।
– समिति की सिफारिशों पर राज्य सरकार उचित निर्णय लेगी।
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