Do not punish students for coming wearing Tilak and Mehndi

NCPCR Gave Instructions: रक्षाबंधन के दौरान राखी बंधवाकर व तिलक, मेहंदी लगाकर आने पर छात्र-छात्राओं को दंडित न करें: NCPCR

NCPCR Gave Instructions: रक्षाबंधन के दौरान राखी बंधवाकर व तिलक, मेहंदी लगाकर आने पर छात्र-छात्राओं को दंडित न करें: NCPCR

Edited By :   Modified Date:  August 31, 2023 / 09:05 AM IST, Published Date : August 31, 2023/9:05 am IST

नयी दिल्ली, 30 अगस्त: NCPCR Gave Instructions राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने स्कूलों से कहा है कि रक्षाबंधन के दौरान स्कूलों में राखी बंधवाकर व तिलक या मेहंदी लगाकर आने वाले छात्र-छात्राओं को दंडित न किया जाए।

एनसीपीसीआर ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिवों को जारी एक पत्र में कहा कि पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न खबरों के माध्यम से आयोग ने पाया है कि त्योहारों के उत्सव के कारण बच्चों को स्कूल के शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों द्वारा उत्पीड़न और भेदभाव का शिकार होना पड़ता है।

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एनसीपीसीआर ने कहा, ‘‘यह देखा गया है कि स्कूल रक्षाबंधन के त्योहार के दौरान बच्चों को राखी बांधकर या तिलक या मेहंदी लगाकर आने की अनुमति नहीं देते हैं और उन्हें शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से परेशान करते हैं। यह ध्यान दिया जा सकता है कि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 की 17 धारा के तहत स्कूलों में शारीरिक दंड निषिद्ध है।’’

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NCPCR Gave Instructions शीर्ष बाल अधिकार निकाय ने कहा कि इसलिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी करने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाता है कि स्कूल ऐसी किसी भी प्रथा का पालन न करें जिससे बच्चों को शारीरिक दंड या भेदभाव का सामना करना पड़े।

 

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