Devi Durga Kavach in hindi : रोज़ाना सुनने मात्र से ही होगा चमत्कारी लाभ, मनोकामना एवं इच्छा पूर्ति के लिए ज़रूर करें देवी दुर्गा कवच का पाठ | Devi Durga Kavach in hindi

Devi Durga Kavach in hindi : रोज़ाना सुनने मात्र से ही होगा चमत्कारी लाभ, मनोकामना एवं इच्छा पूर्ति के लिए ज़रूर करें देवी दुर्गा कवच का पाठ

You will get miraculous benefits just by listening to it daily, definitely recite Devi Durga Kavach to fulfill your wishes and desires

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Modified Date: September 25, 2024 / 12:18 PM IST
Published Date: September 21, 2024 7:05 pm IST

Devi Durga Kavach in hindi : मान्यता है कि इस कवच का पाठ करने से व्यक्ति का शरीर चारों तरफ़ से सकारात्मक ऊर्जा से घिर जाता है । दुर्गा कवच में मां दुर्गा से शरीर के हर अंग की रक्षा के लिए प्रार्थना की गई है, व्यक्ति को साहस और हिम्मत मिलती है । पहली बार दुर्गा कवच भगवान ब्रह्मा जी ने ऋषि मार्कंडेय को सुनाया और इसमें 47 श्लोक शामिल हैं। यदि कोई व्यक्ति नियमित इसका पाठ करके घर से बाहर निकलता है तो उसे किसी भी जगह हार का सामना नहीं करना पड़ता है । देवी माँ उसकी हर मनोकामना पूर्ण करती हैं ।

Devi Durga Kavach in hindi : यहां प्रस्तुत हैं देवी दुर्गा कवच

श्री दुर्गा कवच

ऋषि मारकंडे ने पूछा जभी !
दया करके ब्रह्माजी बोले तभी !!
कि जो गुप्त मंत्र है संसार में !
हैं सब शक्तियां जिसके अधिकार में !!
हर इक का जो कर सकता उपकार है !
जिसे जपने से बेडा ही पार है !!
पवित्र कवच दुर्गा बलशाली का !
जो हर काम पूरा करे सवाली का !!
सुनो मारकंडे मैं समझाता हूँ !
मैं नवदुर्गा के नाम बतलाता हूँ !!
कवच की मैं सुन्दर चौपाई बना !
जो अत्यंत है गुप्त देऊं बता !!

Devi Durga Kavach in hindi
नव दुर्गा का कवच यह, पढे जो मन चित लाये !
उस पे किसी प्रकार का, कभी कष्ट न आये !!
कहो जय जय महारानी की !
जय दुर्गा अष्ट भवानी की !!

पहली शैलपुत्री कहलावे ! दूसरी ब्रह्मचरिणी मन भावे !!
तीसरी चंद्रघंटा शुभनाम ! चौथी कुश्मांड़ा सुख धाम !!
पांचवी देवी स्कंद माता ! छटी कात्यायनी विख्याता !!
सातवी कालरात्रि महामाया ! आठवी महागौरी जगजाया !!
नौवी सिद्धिधात्रि जग जाने ! नव दुर्गा के नाम बखाने !!
महासंकट में वन में रण में ! रोग कोई उपजे जिन तन में !!
महाविपत्ति में व्योहार में ! मान चाहे जो राज दरबार में !!
शक्ति कवच को सुने सुनाये ! मनोकामना सिद्धि नर पाए !!
चामुंडा है प्रेत पर, वैष्णवी गरुड़ सवार ! बैल चढी महेश्वरी, हाथ लिए हथियार !!

कहो जय जय जय महारानी की !
जय दुर्गा अष्ट भवानी की !!

Devi Durga Kavach in hindi

हंस सवारी वाराही की ! मोर चढी दुर्गा कौमारी !!
लक्ष्मी देवी कमल आसीना ! ब्रह्मी हंस चढी ले वीणा !!
ईश्वरी सदा करे बैल सवारी ! भक्तन की करती रखवारी !!
शंख चक्र शक्ति त्रिशुला ! हल मूसल कर कमल के फ़ूला !!
दैत्य नाश करने के कारण ! रुप अनेक कीन है धारण !!
बार बार चरण सीस नवाऊं ! जगदम्बे के गुण को गाऊँ !!
कष्ट निवारण बलशाली माँ ! दुष्ट संघारण महाकाली माँ !!
कोटि कोटि माता प्रणाम ! पूर्ण कीजो मेरे काम !!
दया करो बलशालिनी, दास के कष्ट मिटाओ !
मेरी रक्षा को सदा, सिंह चढी माँ आओ !!

कहो जय जय जय महारानी की !
जय दुर्गा अष्ट भवानी की !!

अग्नि से अग्नि देवता ! पूर्व दिशा में ऐन्द्री !!
दक्षिण में वाराही मेरी ! नैऋत्य में खडग धारिणी !!
वायु से माँ मृगवाहिनी ! पश्चिम में देवी वारुणी !!
उत्तर में माँ कौमारी जी ! ईशान में शूल धारी जी !!
ब्रह्माणी माता अर्श पर ! माँ वैष्णवी इस फर्श पर !!
चामुंडा दस दिशाओं में, हर कष्ट तुम मेरा हरो !
संसार में माता मेरी, रक्षा करो रक्षा करो !!

Devi Durga Kavach in hindi

सन्मुख मेरे देवी जया ! पाछे हो माता विजया !!
अजिता खड़ी बाएं मेरे ! अपराजिता दायें मेरे !!
उद्योतिनी माँ शिखा की ! माँ उमा देवी सिर की ही !!
माला धारी ललाट की, और भृकुटि की माँ यशस्वनी !
भृकुटि के मध्य त्रयनेत्रा, यम घंटा दोनो नासिका !!
काली कपोलों की कर्ण, मूलों की माता शंकरी !
नासिका में अंश अपना, माँ सुगंधा तुम धरो !!
संसार में माता मेरी, रक्षा करो रक्षा करो !!

ऊपर व नीचे होठों की ! माँ चर्चका अमृतकली !!
जीभा की माता सरस्वती ! दांतों की कौमारी सती !!
इस कंठ की माँ चण्डिका ! और चित्रघंटा घंटी की !!
कामाक्षी माँ ठोड़ी की ! माँ मंगला इस वाणी की !!
ग्रीवा की भद्रकाली माँ ! रक्षा करे बलशाली माँ !!
दोनो भुजाओं की मेरे, रक्षा करे धनु धारणी !
दो हाथों के सब अंगों की, रक्षा करे जगतारणी !!
शूलेश्वरी, कूलेश्वरी, महादेवी शोक विनाशानी !
छाती स्तनों और कन्धों की, रक्षा करे जगवासिनी !!
हृदय उदर और नाभि के, कटि भाग के सब अंगों की !
गुह्येश्वरी माँ पूतना, जग जननी श्यामा रंग की !!
घुटनों जन्घाओं की करे रक्षा वो विंध्यवासिनी !
टखनों व पाँव की करे रक्षा वो शिव की दासनी !!
रक्त मांस और हड्डियों से जो बना शरीर !
आतों और पित वात में, भरा अग्न और नीर !!
बल बुद्धि अंहकार और, प्राण अपान समान !
सत, रज, तम के गुणों में फँसी है यह जान !!
धार अनेकों रुप ही रक्षा करियो आन !
तेरी कृपा से ही माँ सब का है कल्याण !!
आयु यश और कीर्ति धन सम्पति परिवार !
ब्रह्माणी और लक्ष्मी, पार्वती जगतार !!
विद्या दे माँ सरस्वती सब सुखों की मूल !
दुष्टों से रक्षा करो हाथ लिए त्रिशूल !!

भैरवी मेरे जीवन साथी की, रक्षा करो हमेश !
मान राज दरबार में देवें सदा नरेश !!

Devi Durga Kavach in hindi

यात्रा में दुःख कोई न, मेरे सिर पर आये !
कवच तुम्हारा हर जगह, मेरी करे सहाये !!
ऐ जग जननी कर दया, इतना दो वरदान !
लिखा तुम्हारा कवच यह, पढे जो निश्चय मान !!
मनवांछित फल पाए वो, मंगल मोद बसाए !
कवच तुम्हारा पढ़ते ही, नवनिधि घर आये !!
ब्रह्माजी बोले सुनो मारकंडे!
यह दुर्गा कवच मैंने तुमको सुनाया !!
रहा आज तक था गुप्त भेद सारा !
जगत की भलाई को मैंने बताया !!
सभी शक्तियां जग की करके एकत्रित !
है मिट्टी की देह को इसे जो पहनाया !!
मैं जिसने श्रद्धा से इसको पढ़ा जो !
सुना तो भी मुह माँगा वरदान पाया !!
जो संसार में अपने मंगल को चाहे !
तो हरदम यही कवच गाता चला जा !!
बियावान जंगल दिशाओं दशों में !
तू शक्ति की जय जय मनाता चला जा !!
तू जल में, तू थल में, तू अग्नि पवन में !
कवच पहन कर मुस्कुराता चला जा !!
निडर हो विचर मन जहाँ तेरा चाहे !
अपने कदम आगे बढ़ता चला जा !!
तेरा मान धन धाम इससे बढेगा !
तू श्रद्धा से दुर्गा कवच को जो गाए !!
यही मंत्र, यन्त्र यही तंत्र तेरा !
यही तेरे सिर से है संकट हटायें !!
यही भूत और प्रेत के भय का नाशक !
यही कवच श्रद्धा व भक्ति बढ़ाये !!
इसे निसदिन श्रद्धा से पढ़ कर !
जो चाहे तो मुह माँगा वरदान पाए !!

Devi Durga Kavach in hindi
इस कवच को प्रेम से जो पढे !
कृपा से आदि भवानी की, बल और बुद्धि बढे !!
श्रद्धा से जपता रहे, जगदम्बे का नाम !
सुख भोगे संसार में, अंत मुक्ति सुखधाम !!
कृपा करो मातेश्वरी, बालक मैं नादान !
तेरे दर पर आ गिरा, करो मैय्या कल्याण !!
!! जय माता दी !!

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