World Breastfeeding Week 2023 : 1 अगस्त से लेकर 7 अगस्त तक ब्रेस्टफीडिंग वीक मनाया जा रहा है। इस दौरान मां का दूध नवजात के लिए कितना महत्वपूरण है उसे लेकर आम जनता में जागरूकता फैलाने का काम मेडिकल इंस्टीट्यूशन द्वारा किया जा रता है। बता दें कि मां का दूध नवजात और मां दोनों के लिए काफी जरूरी होता है। मां का दूध बच्चों को कई सारी बीमारियों से बचाने में मदद करता है इसलिए ही मां के दूध को अमृत के समान माना जाता है। इस खबर में हम आपको बताएंगे की बच्चे के लिए मां का दूध कितना जरूरी होता है।
शिशु को स्तनपान करवाने के फायदे
मां के पहले दूध में कोलोस्ट्रम नाम का फ्लूइड होता है, जो कि बच्चे के लिए अमृत समान होता है। इसमें प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों की भरमार होती है।
इम्यून सिस्टम को मजबूत करने वाली एंटीबॉडीज मिलती हैं. यह शिशु को कई संक्रमणों से बचाव प्रदान करती हैं।
कान, सांस, पेट, एलर्जी, डायबिटीज, ल्यूकेमिया आदि बीमारियों से सुरक्षा मिलती है।
बच्चों का दिमाग तेज और मजबूत होता है।
संतुलित वजन बनता है।
दिन में कितनी बार करवाना चाहिए स्तनपान?
ऐसा बताया जाता है कि 6 महीने तक बच्चे को जितनी बार भूख लगे, उतनी बार ही स्तनपान करवाएं। मतलब यह है कि दिन या रात में जब भी शिशु भूख के कारण रोने लगे, तो उसे मां का दूध देना चाहिए। इसमें जरा-सी भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। वहीं, इस समय के दौरान बच्चे को बोतल वाली दूध बिल्कुल भघी नहीं पिलाना चाहिए।