रायपुर: खाद बीज की कमी और नकली खाद बीज की सप्लाई को लेकर बीजेपी ने पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन किया। विधानसभा में भी इस पर स्थगन प्रस्ताव लाकर चर्चा की मांग की गई। जिसको स्वीकार करते हुए कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने सरकार का पक्ष लेते हुए कहा कि धान की बर्बादी को लेकर राज्य सरकार चिंतित है। लेकिन केंद्र सहयोग नहीं कर रहा है। खाद बीज को लेकर जो भी शिकायत मिल रही है उसपर कार्रवाई की जाएगी। वहीं विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार की नीतियों की वजह से किसान संकट में हैं। मॉनिटरिंग नहीं होने की वजह से नकली खाद बीज का इस्तेमाल करने के लिए किसान मजबूर हैं। साथ ही सीएम ने ऐलान किया कि घोषणा के अनुसार 30 हजार किसानों को नवंबर तक बिजली कनेक्शन दिया जाएगा।
बीजेपी ने सरकार पर खाद-बीज की कालाबाजारी का आरोप लगाते हुए राजधानी रायपुर से लेकर अंबिकापुर और बस्तर तक हल्ला बोला। धरना प्रदर्शन करते हुए बीजेपी नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि वो किसानों को महंगे दाम पर बाजार से खाद खरीदने के लिए मजबूर कर रही है। साथ ही चेतावनी दी कि जल्द अगर किसानों से जुड़ी समस्या का समाधान नहीं होता तो वो व्यापक आंदोलन छेड़ेंगे।
सड़क पर बीजेपी के आंदोलन का असर विधानसभा में भी नजर आया। बीजेपी ने सदन में स्थगन प्रस्ताव के जरिए काम रोककर इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की। जिसका जवाब देते हुए कांग्रेस ने विपक्ष पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि प्रदेश में कहीं से भी नकली खाद बीज को लेकर कोई शिकायत नहीं आई है।
स्थगन प्रस्ताव पर कृषि मंत्री ने कहा कि ये मामला किसानों से जुड़ा है। इसलिए स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार कर चर्चा होनी चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर इस मुद्दे पर नोक झोंक हुई। सवाल ये है कि सड़क से सदन तक किसानों को लेकर हो रही इस नोंक झोंक का खेत में पसीना बहा रहे किसानों पर कितना सकारात्मक असर पड़ेगा ।