बेंगलुरु। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में पुलिस वालों ने नगर पालिका के साथ मिलकर झुग्गी-बस्ती तोड़ी। पुलिस और प्रशासन यह मान रहा था कि यह झुग्गी-बस्ती अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों की है। लेकिन अब जांच में यह बात सामने आई है कि इन झुग्गियों में रहने वाले लोग भारतीय हैं।
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जानकारी के मुताबिक बेंगलुरु के करियामन्ना अग्रहारा में मौजूद इस झुग्गी-बस्ती में 100 घर थे। करीब 300 लोग इन झुग्गियों में रहते थे। इन झुग्गियों को तब गिराया गया जब भाजपा के विधायक अरविंद लिंबावल्ली ने एक ट्वीट किया। जिसमें दिखाए गए वीडियो में यह बताया जा रहा है कि यहां पर अवैध भारतीय रहते हैं।बाद में जब जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि जिन लोगों को घर तोड़े गए हैं ये सभी असम, त्रिपुरा और उत्तरी कर्नाटक के रहने वाले हैं। इन सभी के पास भारतीय आधार कार्ड, पैनकार्ड और चुनाव पहचान पत्र है। हटाए गए सभी नागरिकों के पास भारतीय नागरिकता के प्रमाण पत्र हैं। हालांकि, इनमें से कुछ असम में चल रही NRC की सूची में भी शामिल हैं। जब लोगों ने सरकार से शिकायत की तो पता चला कि झुग्गी तोड़ने का आदेश उस व्यक्ति ने दिया था जिसके पास यह आदेश देने का अधिकार ही नहीं है।
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झुग्गियां तोड़े जाने के बाद कुछ लोग तो वहां से अपने रिश्तेदारों के यहां सामान लेकर चले गए। कुछ लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि महानगर पालिका के जिन कर्मचारियों और पुलिसवालों ने ये काम किया है उन पर कड़ी कार्रवाई हो। आपको बता दें कि साल 2018 में भी अरविंद लिंबावल्ली के क्षेत्र में इसी तरह का मामला उठा था।