भूपेश सरकार…राहत सबके लिए! सफल रहा विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का लक्ष्य

सफल रहा विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का लक्ष्य! Bhupesh government's goal of taking development to the last person was successful

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  • Publish Date - September 23, 2021 / 10:36 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:06 PM IST

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार विकास के नए सोपान तय कर रही है। अभी तक के कार्यकाल के दौरान राज्य के हर वर्ग के विकास के लिए योजनाएं बनायी गई। ना सिर्फ योजनाए बनाई और लागू की गईं बल्कि जमीन पर उन्हें तेजी से अमल में भी लाया गया। नतीजा ये कि कोविड के मुश्किल भरे हालात में भी राज्य और राज्य के लोग आर्थिक तौर पर मजबूती से खड़े रहे, आगे बढ़ते रहे। सबसे अहम बात ये कि जब सारे देश में रोजगार घटने और खोने का रोना था तब भी रोजगार देने में राज्य देश के बड़े राज्यों से आगे रहा। इसके अलावा भी कई उपब्धियां हैं राज्य सरकार की।

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छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दे रहे ये किसान प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से हैं। इनके चेहरों पर मुस्कान बताती है कि सत्ता में आने के बाद भूपेश सरकार ने अपनी कृषि नीति में किसानों के हितों का पूरा ध्यान रखा है। सीएम भूपेश बघेल ने किसानों के लिए कई बड़े फैसले लिए, जिससे राज्य में न सिर्फ उत्पादन बढ़ा है बल्कि किसानों की आमदनी भी बढ़ी है। प्रदेश के किसानों की आर्थिक स्थिति पहले से मजबूत हुई तो इसकी एक वजह राज्य सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना है। योजना के माध्यम से सरकार किसानों को धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य चार किश्तों में दे रही है। 2020-21 की दो किश्तों के तौर पर 20 लाख से ज्यादा किसानों को 3 हजार करोड़ रुपए उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जा चुकी है। इस योजना से प्रदेश के किसान धान की खेती करने प्रोत्साहित हो रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिल रहा है। किसान न्याय योजना की राशि से अब बाजार भी गुलजार हो रहा है।

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छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां गोधन न्याय योजना के तहत सरकार गौपालकों से 2 रुपए प्रति किलो में गोबर खरीद रही है। योजना के शुरू होने के बाद ग्रामीण इलाकों में पशुओं की अच्छे से सेवा हो रही है तो सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आई है। गोबर बेचकर पशुपालकों की आर्थिक स्थिति भी बेहतर हुई है। योजना के तहत अब तक लाखों गोबर विक्रेताओं को राज्य सरकार 1 अरब रुपए से ज्यादा की राशि उनके बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर कर चुकी है। सरकार के फैसलों से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं बल्कि दूसरे राज्यों में पलायन करने वाले लोगों की संख्या में काफी कमी आई है।

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राज्य सरकार की बेहतर आर्थिक प्रबंधन के कारण पिछले साल की तुलना जीएसटी कलेक्शन में छत्तीसगढ़ में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो देश के कई बड़े राज्यों से बेहतर है। सेंटर फॉर मॉनिटिरिंग इंडियन इकोनॉमी के अनुसार छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की दर मात्र 3.8 प्रतिशत है। जबकि राष्ट्रीय औसत 7.6 प्रतिशत है। भूपेश सरकार 52 प्रकार के लघुवनोपज की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी कर रही है, जिसके कारण आज वनांचल इलाकों में जीवनयापन करने वाले आदिवासियों का जीवन स्तर बेहतर हुआ है। राज्य सरकार तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रति मानक बोरा 4000 हजार की भुगतान करती है। खास बात ये की तेंदूपत्ता का संग्रहण तब होता है जब ग्रामीणों के पास कोई काम नही होता। ऐसे में तेंदूपत्ता संग्रहण कर न सिर्फ लोग आर्थिक रुप से लाभ कमा रहे है बल्कि छात्रवृत्ति का लाभ, बोनस औऱ बीमा भी पा रहे है। राज्य सरकार ने कोरोना काल में भी तेंदूपत्ता संग्राहकों को 1 हजार करोड़ रुपए का परिश्रामिक भुगतान किया। इससे बस्तर से लेकर सरगुजा तक वनोपज आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली।

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भूपेश सरकार ने अपने पौने तीन साल के कार्यकाल पूरे छत्तीसगढ़ में 10 हजार करोड़ रुपए के इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को शुरू किया, जिसका फलस्वरूप लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिला, तो प्रदेश की अर्थव्यवस्था में भी तेजी आई। कुल मिलाकर भूपेश बघेल की सरकार ने सत्ता में आने के बाद विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का लक्ष्य लेकर काम कर रही है, जिसमें वो अब तक सफल रही है।

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