नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे छात्रों के प्रवेश के समय दस्तावेज़ सत्यापन और प्रक्रिया को सख्ती से लागू करें। (Bangladeshi Migrants in India) सोमवार को जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि हर साल बड़ी संख्या में छात्र सरकारी स्कूलों में दाखिला लेते हैं, और इस दौरान अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों, विशेषकर बांग्लादेशी प्रवासियों, के नामांकन को रोकने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए।
सभी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे प्रवेश प्रक्रिया के दौरान आवश्यक दस्तावेजों की गहन जांच करें। यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि छात्रों के सभी प्रमाण-पत्र सही और प्रमाणित हों। किसी भी अनियमितता या संदेह की स्थिति में, मामला तुरंत स्थानीय पुलिस और राजस्व विभाग को सौंपा जाना चाहिए। इसके साथ ही, स्कूलों को साप्ताहिक रिपोर्ट सौंपने की भी आवश्यकता होगी।
इससे पहले, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने अपने स्कूलों में नामांकन के दौरान अवैध प्रवासियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए थे। (Bangladeshi Migrants in India) आदेश दिया गया था कि अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को जन्म प्रमाण पत्र जारी न किया जाए।
केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने आम आदमी पार्टी (आप) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि आप सरकार वोट बैंक की राजनीति के तहत अवैध प्रवासियों को समर्थन दे रही है। मल्होत्रा ने एएनआई से कहा, “दिल्ली की जनता अब इन मुद्दों को गंभीरता से समझ रही है और आप सरकार की रणनीतियों पर सवाल उठा रही है।”
दिल्ली पुलिस ने हाल ही में उपराज्यपाल के निर्देश पर राजधानी के सीमापुरी इलाके में अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए अभियान चलाया। झुग्गी बस्तियों में जाकर निवासियों के दस्तावेजों की जांच की गई। (Bangladeshi Migrants in India) सरकार ने ऐसे घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए दो महीने की समय-सीमा निर्धारित की है। इस कदम का उद्देश्य दिल्ली में अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण पाना और कानूनी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है।