capital becoming udta Punjab

‘उड़ता पंजाब’ बन रही राजधानी में जगी उम्मीद की किरण, जो पहले रहते थे नशे में चूर अब दे रहे छोड़ने की प्रेरणा

capital becoming udta Punjab: 'उड़ता पंजाब' बन रही राजधानी में जगी उम्मीद की किरण, जो पहले रहते थे नशे में चूर अब दे रहे छोड़ने की प्रेरणा

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Modified Date: November 29, 2022 / 11:53 AM IST
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Published Date: June 26, 2022 1:43 pm IST

international drug addiction day: भोपाल। देश के युवाओं में नशा एक फैशन सा बनता जा रहा है। जिसके चलते वे कब नशे के आदी हो जाते है ये वह खुद भी नहीं जानते। इसका मुख्य कारण है सहनशक्ति की कमी होना। आजकल के युवा बहुत जल्दी अपना आपा खो देते है जिसका परिणाम है कि वे नशे की गिरफ्त में फंस जाते है। अगर राजधानी भोपाल की बात की जाए तो जो आकड़ा सामने आया है वो होश उड़ाने वाला है। भोपाल में करीब सवा लाख लोग नशे के आदी है। इनमे से इंजेक्शन से नशा करने वालों की भी बड़ी संख्या है, इतना ही नहीं इनमें कई बच्चे भी शामिल है।

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इंजेक्शन से ड्रग्स लेने का चल रहा ट्रेंड

capital becoming udta Punjab: शहर में इंजेक्शन से ड्रग्स लेना युवाओं के बीच ट्रेंडिग चल रहा है। वर्तमान स्थति की बात की जाए तो 331 लोग इस नशे के आदी हो चुके है। इन सभी का इलाज ओपियाड सब्सीट्यूशन थेरेपी सेंटर में किया जा रहा है। इसमें हान करने वाली बात ये है कि इनमें 20 बच्चें शामिल है। अभी तक नशे में चूर लोगों में से 27 मरीजों की मौत पिछले 1 साल में दर्ज की गई है। इन सेंटर के अलावा शहर में 9 और नशा मुक्ति केंद्रों का संचालन सामाजिक न्याय विभाग और महिला एवं बाल विकास कर रहा है। इन सेंटरों में 600 से ज्यादा बच्चे और बड़ों को नशे से दूर करने के प्रयास किए जा रहे है।

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नशा छोड़ दूसरों को नशा छोड़ने के लिए कर रहे प्रेरित

international drug addiction day: नशा मुक्ति अभियान के तहत जब 2019 में सेंटर खुला था तब यहां मरीजों की संख्या केवल 7 थी। लेकिन अब लोगों के बीच नशा मुक्ती को लेकर जागरूकता बढ़ी तो केंद्रों में मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी। अब ये संख्या 331 हो गई है। इन सबके बीच एक अच्छी बात सामने निकलकर ये आई कि जो पहले नशे के आदी हो चुके थे उन्होंने  नशा मुक्ति केंद्र में जाकर पहले खुद नशा छोड़ा और अब लोगों को नशा छोड़ने के लिए प्रेरित कर रहे है।