रायपुर। छत्तीसगढ़ में हो रहे तीव्र औद्योगिक विकास का ही परिणाम है कि पिछले तीन सालों में ही बड़े, मध्यम, मेगा, माइक्रो तथा छोटे उद्योगों की कुल 1751 इकाईयां स्थापित हुईं हैं। इन औद्योगिक समूहों के द्वारा कुल 195 करोड़ 50 लाख रूपए का पूंजी निवेश किया गया है। जिससे इन इकाईयों में 32 हजार 912 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा के मार्गदर्शन में राज्य में उद्योगों के विकास एवं निवेश का बेहतर महौल तैयार हुआ है। राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति से कृषि और वनोपज आधारित उद्योगों को प्राथमिकता दी गई है। खनिज आधारित उद्योगों को हर तरह का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। नई औद्योगिक नीति के तहत अब इस्पात (स्पंज आयरन एण्ड स्टील) क्षेत्र के मेगा, अल्ट्रा प्रोजेक्ट में निवेश हेतु विशेष प्रोत्साहन पैकेज की व्यवस्था की गई है। मेगा निवेश के लिए इस पैकेज में अधिकतम 500 करोड़ रूपए तक निवेश प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
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बस्तर संभाग के लिए 1000 करोड़ का निवेश प्रोत्साहन दिया जा रहा है। निवेशकों को सिर्फ छूट और सुविधा ही नहीं दी जा रही है बल्कि इस बात का भी ख्याल रखा गया है कि प्रदेश में आसानी के साथ उद्योग स्थापित हो सकें। इसके लिए प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया गया है। औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आबंटन के लिए भू-प्रब्याजी में 30 प्रतिशत की कमी की गई है। भू-भाटक में एक प्रतिशत की कमी की गई है। औद्योगिक क्षेत्रों में 10 एकड़ तक आबंटित भूमि को लीज फ्री होल्ड करने के लिए नियम बनाए गए हैं। औद्योगिक भूमि और भवन प्रबंधन नियमों का सरलीकरण किया गया है।
कोरोना संकट काल के लॉकडाउन के दौरान पूरा देश आर्थिक मंदी से प्रभावित रहा ऐसे स्थिति में छत्तीसगढ़ में उद्योग जगत भी अछूता न रहा। इन सबके बावजूद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के तीन वर्षों के कार्यकाल में 8 बड़े उद्योग लगे जिसमें मैनेजमेंट के तहत 132 एवं कुशल श्रेणी के 409 तथा अन्य 432 अकुशल श्रेणी के कर्मचारी कार्यरत है। इन औद्योगिक समूहों द्वारा 430 करोड़ 34 लाख रूपए का निवेश किया गया है।
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मध्यम श्रेणी के 33 उद्योगों में 322 कर्मचारी मैनेजमेंट के तहत एवं 868 कुशल श्रेणी तथा 1249 अकुशल कर्मचारी कार्यरत है। मध्यम श्रेणी के उद्योगों में 303 करोड़ 75 लाख रूपए का पूंजी निवेश किया है। मेगा श्रेणी के चार उद्योगों में 387 कर्मचारी मैनेजमेंट के अंतर्गत एवं 1635 कुशल श्रेणी के तथा 364 अकुशल कर्मचारी कार्यरत हैं। इन उद्योगों में एक हजार 388 करोड़ 80 लाख रूपए का निवेश किया है।