Shri Krishna Par Kavita In Hindi- हर अनंत का अंत है तू। |

Shri Krishna Par Kavita In Hindi- हर अनंत का अंत है तू।

Shri Krishna Par Kavita In Hindi:- श्री कृष्ण न केवल हिंदू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं, बल्कि उनके चरित्र में जीवन के कई महत्वपूर्ण सिद्धांत भी समाहित हैं।

Edited By :  
Modified Date: February 22, 2025 / 06:36 PM IST
,
Published Date: February 22, 2025 6:36 pm IST

Shri Krishna Par Kavita In Hindi:– श्री कृष्ण न केवल हिंदू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं, बल्कि उनके चरित्र में जीवन के कई महत्वपूर्ण सिद्धांत भी समाहित हैं। उनके अद्वितीय प्रेम, करुणा, और ज्ञान ने अनगिनत भक्तों के जीवन को प्रभावित किया है। आज प्रस्तुत कविता में श्री कृष्ण के दिव्य स्वरूप, उनके अनंत गुणों और भक्तों के प्रति उनकी अपार कृपा का मनन किया गया है।

Shri Krishna Par Kavita In Hindi

तू ही अंतस का आराधन, तू ही श्रृष्टि का संधारण।
तू ही प्रताप है पांडव का, तू ही कौरव का संहारण।
तू ही योगी का ध्यान है केशव, तू ही भक्तों की साधना।
तू ही जग का हर सत्य है, तू ही माया की कल्पना।
तू ही गीता का सार सखे, तू ही वेदों का मंत्र है।
तू ही धर्म का मार्ग है, तू ही हर कर्म का तंत्र है।
तू ही तो किशन कन्हैया है, तू ही गोविंद मुरारी है।
तू ही राधा का प्रेमी है, तू ही वृंदावन का वासी है।
सारा जग लीन रहित तुझमें, सारी श्रृष्टि मुख में तेरे।
केशव नव रस का तू प्रधान, चाहे प्रेम या बलिदान
हे केशव तेरी महिमा का गुणगान करू मैं किस मुंह से
मैं तो तेरा लाचार शिष्य जो हार चुका है अब सुख से
हर मन को शांति मिलती है, जब नाम तेरा जप होता है
तेरे दर्शन की अभिलाषा, तो हर प्राणी को होता है।
तू ही आधार है जीवन का, तू ही मृत्यु का समाधान।
केशव तुझ बिन सब सुना है, कुछ भी नहीं दुनिया जहान।
चंचलता में समरग्र है तू, हर प्रेम प्रसंग का छंद है तू।
हर कंकड़ में जीवंत है तू, हर अनंत का अंत है तू।

रचनाकार:- मांशु सिन्हा

Disclaimer- प्रस्तुत कविता से IBC24 अथवा SBMMPL का कोई संबंध नहीं है। हर तरह के वाद, विवाद के लिए लेखक व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार हैं।