बरुण सखाजी, राजनीतिक विश्लेषक
Congress Adhiveshan: रायपुर में कांग्रेस के 85वें राष्ट्रीय अधिवेशन के पहले दिन स्टेरिंग कमेटी की बैठक के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश की पीसी देखनी चाहिए। असल में कांग्रेस को ऐसे ही स्पष्टता से बताने की जरूरत है कि वह देश को मोदी की तुलना में ज्यादा बेहतर ढंग से आगे ले जा सकती है। 21वीं सदी के इस तीसरे दशक के मतदाता बीते दो दशकों से ज्यादा शार्प और राष्ट्रवादी हैं। वे मोदी के राष्ट्रवादी एजेंडे से इसलिए नहीं जुड़ रहे कि मोदी में उन्हें असली राष्ट्रवादी नजर आता है। बल्कि इसलिए जुड़ते हैं, क्योंकि उन्हें दूसरे अन्य दलों में राष्ट्रवाद की खुशबू अपेक्षाकृत कम आती है। यह युवा ही आगामी भारतीय राजनीति का कर्णधार है।
जयराम रमेश ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस किसी भी तरह से पूंजपतियों या अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने वाले कंपोनेंट्स के विरुद्ध नहीं है। कांग्रेस मित्रवादी पूंजवादिता के विरुद्ध है। जयराम रमेश ने यह आरोप मोदी पर लगाया। उन्होंने अडानी मसले पर ठोसता से यह कहकर कांग्रेसियों को अच्छी धारदार बात रखने की शैली दी है। अगर कांग्रेस इस मसले को सलीके से उठाती रहे और बताती रहे तो मुमकिन है कि नौजवान समझेंगे।
यह मानना कि राष्ट्रवाद, हिंदूवाद एक हैं। हिंदूवाद का मतलब अन्य धर्मों के विरुद्ध होना है। हिंदुत्व में सॉफ्ट और कठोर खोजना आदि सिवाय दार्शनिक विषयों को कुछ नहीं। इसलिए कांग्रेस को यह मानना होगा कि राष्ट्रवाद भारत की नव पीढ़ी में जन्मजात है। यह समय का खिला फूल है, न कि कांटा। यह भी मानना होगा कि हिंदुत्व कोई संघ का बोया हुआ बीज नहीं, यह भी भारत की आत्मा का एक हिस्सा है। इस पर दर्शनशास्त्री बनने की बजाए राजनीतिक रूप से इन दोनों ही चीजों को स्वीकारते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
जयराम रमेश का वक्तव्य इस दिशा में कांग्रेस के लिए फायदेमंद है। ऐसे ही वक्तव्य वास्तव में कांग्रेस को लोगों से जोड़ेंगे और भाजपा के बनाए राजनीतिक महौल को भेद पाएंगे। यह तो शुरुआती तौर पर ठीक है। स्पष्टताएं जरूरी हैं और बड़े मुंह से निकलें तो और असरदार होंगी। कांग्रेस राष्ट्रवादी, हिंदूवादी माहौल को स्वीकारे और इसे नकारात्मक न समझे, बल्कि इसे सकारात्मक मानकर अपनी ओर मोड़ने की मंदिर जाने, जनेऊ पहनने के छद्म तरीकों की बजाए कोई ओरीजनल लेकर आना चाहिए। कोई विश्वसनीय लाना चाहिए। कोई परमानेंट लाना चाहिए। कोई अनाटकीय लाना चाहिए। उम्मीद है जयराम रमेश की यह बात आला कमान की भी होगी।
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