Chhattisgarh's bald head and moustache's politics

#NindakNiyre: दाढ़ी, मूंछ, बाल और मुंडन की सियासत में कोई नहीं पीछे, देखेंगे अमरजीत मूंछे मुंडवाएंगे या नंदकुमार साय बाल बढ़ाते रहेंगे

भाजपा के कद्दावर नेता और रमन सरकार की पहली पारी में गृहमंत्री रहे रामविचार नेताम ने कहा जब तक छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार नहीं बन जाती नंदकुमार साय अपने बाल नहीं कटवाएंगे। यह भी खूब रही। वैसे तो नंदकुमार साय बाल बड़े ही रखते हैं।

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Modified Date: March 16, 2023 / 06:34 PM IST
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Published Date: March 16, 2023 6:31 pm IST

बरुण सखाजी. सह-कार्यकारी संपादक, IBC24

महाभारत हो या आज की सियासत, दांव लगाए बिना कुछ मिलता नहीं। दांव लगाने वाले की जीत भी होती है और हार भी। राज-काज, नारी तक दांव पर लगाने वाले धर्मराज युधिष्ठिर हारे थे तो पापाचारी दुर्योधन जीता था। राजनीति की हार और जीत किसी के सही और गलत होने का प्रमाण तो होती नहीं इसलिए दांव पर कुछ भी लगाकर अगर सुर्खियां मिल जाती हैं तो बुरा क्या है। छत्तीसगढ़ में भाजपा के पूर्व सांसद रामविचार नेताम ने खुद के नहीं अपने साथी भाजपा नेता नंदकुमार साय के बाल दांव पर लगा दिए तो बिना देर किए अचानक से भारी चर्चा में आए ईसाई समुदाय से भूपेश सरकार में मंत्री अमरजीत भगत ने भी अपनी मूंछे दांव पर लगा दी। सियासत ने जोर पकड़ लिया तो हमने सोचा यह जान लेते हैं ऐसे दाढ़ी, मूंछों, बाल, मुंडन के दांव लगाने वालों को आखिर मिला क्या? क्या वे सफल हुए या सिर्फ सुर्खियां ही हाथ आईं। आइये जानते हैं।

पहले जानिए क्या कहा रामविचार नेताम ने

भाजपा के कद्दावर नेता और रमन सरकार की पहली पारी में गृहमंत्री रहे रामविचार नेताम ने कहा जब तक छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार नहीं बन जाती नंदकुमार साय अपने बाल नहीं कटवाएंगे। यह भी खूब रही। वैसे तो नंदकुमार साय बाल बड़े ही रखते हैं। उनके बालों की लंबाई बताती है कि वे इन्हें संभवतः 6-7 महीनों में ही सेट करवाते होंगे। अभी चूंकि छत्तीसगढ़ में चुनाव का समय भी इतना ही बचा है। खैर, यह भाजपा का आत्मविश्वास है या कांग्रेस को डराने का टोटका, देखा जाएगा।

जवाब में क्या बोले अमरजीत और क्यों?

वैसे तो रामविचार नेताम के इस दांव का जवाब देने की जरूरत नहीं थी, लेकिन कोई इस ट्रेंडिंग अवसर को गंवाए क्यों? सो अमरजीत भगत ने कह दिया, वे भी कांग्रेस की सरकार रिपीट नहीं हुई तो मूछ मुड़वा लेंगे। ठीक कहा भगत ने, लेकिन यह भगत ने क्यों कहा, क्योंकि मोहन मरकाम बाल पहले से छोटे रखते हैं और मूंछें वे रखते नहीं। मंत्रिमंडल में मूंछ रखने वाले नेताओं में अमरजीत भगत की ही मूंछें इतनी बड़ी हैं जो चेहरा चेंज शो कर सकती हैं। बाकी मूंछ रखने वालों में रविंद्र चौबे, प्रेमसाय सिंह, जैसिंह और खुद बघेल हैं। लेकिन इन सबमें सबसे बड़ी मूंछें अमरजीत भगत की ही हैं। खैर, ईसाई समुदाय से ताल्लुक रखने वाले अमरजीत भगत पीसीसी में नाम आने के बाद से कुछ ज्यादा ही कैच लपक रहे हैं।

सुषमा स्वराज ने कहा था सोनिया पीएम बनीं तो मुंडन कराऊंगी

राजनीति में पुरुष मूंछों को दांव लगाते हैं, तो स्त्रि राजनेता अपने बालों को। सुषमा स्वराज ने 2004 में कहा था अगर सोनिया गांधी इस देश की प्रधानमंत्री बनती हैं तो वे अपना सिर मुंडवा लेंगी। हालांकि ऐसी नौबत आई नहीं। ऐसे ही जब मध्यप्रदेश में 2003 के चुनाव शुरू हुए तो उमा भारती ने निजी संकल्प लिया था कि वे जीतते ही तिरुपति में अपने बाल मुंडवाकर आएंगी। मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने सबसे पहले ऐसा ही किया।

जूदेव की मूंछों से निकला 15 साल राज का रास्ता

2003 में भाजपा ने दिलीप सिंह जूदेव को चेहरा बनाया था। उन्हें उनकी रौबदार मूंछों के लिए जाना जाता था। जूदेव ने कहा था अगर भाजपा सरकार नहीं बनी तो मैं अपनी मूंछे मुड़वा लूंगा। हुआ यूं कि सरकार बन गई। जूदेव को मूंछ नहीं मुडवानी पड़ी। हालांकि वे मुख्यमंत्री नहीं बन पाए।

कुछ को कुछ दे जाते हैं ये दांव, कुछ को कुछ नहीं

मूंछों, बालों के ये दांव लोगों में विश्वास का प्रतीक होते हैं। ऐसे संकल्प किसी को कुछ दे जाते हैं तो किसी से कुछ ले भी जाते हैं। सुषमा स्वराज का सिर मुंडवाने का ऐलान सोनिया की राह का रोड़ सिद्ध हुआ या नहीं, लेकिन राजनीतिक दबाव तो बना। उनके विदेशी मूल को उन्होंने इसका कारण बताया। जूदेव का मूछों का दांव उन्हें कुछ न दे गया, लेकिन भाजपा को 15 साल की सत्ता सौंप गया। उमा भारती का निजी संकल्प सफल था ही। तो कह सकते हैं अब तक ऐसे दांव कुछ दे भी गए हैं। अब चूंकि दोनों ही दलों ने एक जैसा दांव लगाया है तो छत्तीसगढ़ में तीसरे दल की मौजूदगी तो है नहीं को किसी न किसी का दांव तो निष्फल होना ही है। देखेंगे दिसंबर के बाद नंदकुमार के बाल सदा बढ़ते रहते हैं या अमरजीत भगत की मूछें सफाचट हो जाती हैं।

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