बतंगड़ः लालू ने मोदी को थमाया ब्रम्हास्त्र

Batangad: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ठीक चुनाव से पहले विपक्ष ने एक बार फिर ब्रम्हास्त्र थमा दिया है।

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  • Publish Date - March 5, 2024 / 03:55 PM IST,
    Updated On - March 5, 2024 / 03:55 PM IST

#Batangad: अपने खिलाफ की गई निजी टिप्पणियों को ब्रम्हास्त्र बनाने का हुनर रखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ठीक चुनाव से पहले विपक्ष ने एक बार फिर ब्रम्हास्त्र थमा दिया है। इस बार मोदी को ब्रह्मास्त्र चलाने का मौका दिया है बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने। लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘बिना परिवार वाला’ बताते हुए इस चुनाव में ठीक वही गलती की है जो पिछले चुनाव में राहुल गांधी ने मोदी को ‘चोर’ ठहरा कर की थी। तब राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राफेल खरीद मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए ‘चौकीदार चोर है’ की मुहिम छेड़ी थी। मंशा प्रधानमंत्री मोदी की देश के खजाने के चौकीदार होने की छवि को डैमेज करने की थी। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने अपने खिलाफ की गई निजी टिप्पणी को ही विपक्ष के खिलाफ हथियार बनाने की रणनीति को आजमाते हुए अपने ट्वीटर एकाउंट में अपने नाम के आगे चौकीदार जोड़ लिया था। भाजपा नेताओं ने भी अपने नेता को फॉलो करते हुए ‘मैं भी चौकीदार’ मुहिम छेड़ दी थी। ये मुहिम रंग लाई और देश की जनता ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी के हाथों में देश की चौकीदारी सौंप दी।

इतिहास गवाह है कि ‘मौत का सौदागर’, ‘नीच’, ‘चायवाला’ से लेकर ‘चोर’ तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई निजी टिप्पणियों की लंबी फेहरिस्त है जो मोदी विरोधियों के लिए आत्मघाती साबित हुई हैं। प्रधानमंत्री मोदी तो खुद ही कहते हैं कि उन्हें विपक्ष की ओर से रोजाना दी जाने वाली 2-3 किलो गालियों को पचाकर न्यूट्रीशन में तब्दील करने का हुनर आता है। प्रधानमंत्री मोदी ये भी बता चुके हैं कि उन्हें उन पर फेंके जाने वाले पत्थरों को सीढ़ी बनाकर आगे बढ़ने का फन भी आता है। प्रधानमंत्री मोदी अपने इस हुनर का परिचय चुनावी मौकों पर कई बार दे चुके हैं। मणिशंकर अय्यर ने मोदी को नीचा दिखाने के लिए चायवाला बोलते समय सपने में भी नहीं सोचा होगा कि यही चायवाला का तंज 2014 के चुनाव में मोदी की ब्रांड वैल्यू बढ़ाने वाला साबित हो जाएगा। 2007 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान सोनिया गांधी की ओर से मोदी को ‘मौत का सौदागर’ बताने का हश्र भी सारा देश देख ही चुका है।

चुनाव से पहले हर पार्टी विपक्ष की ओर से की जाने वाली किसी एक गलती को लपकने की फिराक में रहती है। चुनाव से पहले की गई एक गलती सारी चुनावी संभावनाओं पर भारी पड़ जाती है। यहां तक कि दूसरों की गलती से फायदा उठाने वाले खुद नरेंद्र मोदी ही अपनी एक जुबानी गलती का खामियाजा उठा चुके हैं। 9 साल पहले 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी को नीतीश कुमार के डीएनए पर सवाल उठाने की बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी। कुछ ऐसा ही हुआ था सन 2018 में मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ जब उनकी ओर से दिया गया ‘माई का लाल’ वाला बयान उनके गले की फांस बन गया था। भारत के चुनावी इतिहास में जुबानी गलतियों का खामियाजा उठाने के तमाम उदाहरण भरे पड़े हैं।

इस चुनाव में कुछ ऐसी ही गलती लालू प्रसाद यादव कर बैठे हैं। नरेंद्र मोदी की ओर से परिवारवाद पर किए जा रहे हमलों से खिसियाते हुए लालू प्रसाद यादव ने रविवार को पटना में हुई महागठबंधन दलों की रैली में प्रधानमंत्री मोदी के परिवार को लेकर निजी टिप्पणी कर बैठे। लालू ने कहा कि, ‘ मोदी क्या चीज है? मोदी के पास तो परिवार ही नहीं है। अरे भाई तुम बताओ ना कि तुम्हारे परिवार में कोई संतान क्यों नहीं है?’ लालू प्रसाद यादव के इस बयान को लपकने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कतई देर नहीं लगाई। अगले ही दिन प्रधानमंत्री मोदी ने तेलंगाना के आदिलाबाद में हुई सभा में परिवारवाद के खिलाफ छेड़े गए अपने अभियान नई धार दे दी। प्रधानमंत्री ने पूरे देशवासियों को अपना परिवार बताते हुए उनके उत्थान के लिए उठाए जा रहे कदमों का तो जिक्र किया ही, साथ ही वंशवादी पार्टियों को भी आइना दिखाया। भ्रष्टाचार और परिवारवाद प्रधानमंत्री मोदी के दो पसंदीदा चुनावी हथियार रहे हैं, और लालू प्रसाद यादव समेत दूसरी परिवारवादी पार्टियों के साथ तो इन दोनों मुद्दों का अद्भुत काकटेल भी है। तभी तो प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि- ‘आज अपने परिवार के लिए करप्शन करने वाले लोग मेरे परिवार के बारे में पूछ रहे हैं।’

अपने बड़बोलेपन के लिए मशहूर लालू प्रसाद यादव को भी इस बात का गुमान नहीं रहा होगा कि उन्होंने अंजाने में प्रधानमंत्री मोदी को कितना बड़ा हथियार थमा दिया है। भाजपा नेताओं ने खुद को ‘मोदी का परिवार’ बताते हुए मुहिम छेड़ दी है। भाजपा नेताओं के एक्स एकाउंट का बायो बदल चुका है। तब सब ‘चौकीदार’ बन गए थे, इस बार सब ‘परिवार’ बन चुके हैं। नरेंद्र मोदी के तेवर तो बता ही रहे हैं कि वो इसे बड़ा मुद्दा बनाने की ठान चुके हैं। मोदी के खिलाफ बने ‘इंडिया’ ब्लाक की अधिकांश पार्टियों के परिवारवादी होने के चलते लालू की मोदी के खिलाफ की गई टिप्पणी बड़ी भारी पड़ने वाली है। अभी चुनाव को कुछ दिन बाकी हैं, लेकिन जिस तरह से नरेंद्र मोदी परिवारवाद के खिलाफ हमलावर हुए हैं, उससे साफ जाहिर है कि विरोधियों की ‘गाली’ को एक बार फिर वो पचाकर ‘न्यूट्रीशन’ में तब्दील करने का मन बना चुके हैं।

-लेखक IBC24 में डिप्टी एडिटर हैं।