केजरी की वाल में..हाय गर्मी!!

हे मुनिवर..ये कलयुग की कथा है..भरतखंडे दिल्ली राज्येएक राजा हुए..नाम अरविंद केजरीवाल । यूपीए काल में जब सत्ता की नाव समंदर की लहरों से घिरी तो उन्हीं लहरों के झाग से अन्ना रथ पर सवार होके हाथ में झाड़ू लिए प्रकट हुए श्री केजरीवाल ।

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  • Publish Date - October 5, 2023 / 04:59 PM IST,
    Updated On - October 5, 2023 / 08:10 PM IST

(ये बात उस वक्त की है.. जब राहु और केतु चिल्ड सोमरस पान कर लंबे लेटे हुए थे… अचानक बादलों में हाथपाई हो गई.. लड़ाई की वजह थी.. बार गर्ल बिजली के ठुमके … बाद में ईव टीजिंग का मामला भी सामने आया..इस आसमानी कांड के बीच ही धरती के किसी कोने में एक अवतार हुआ.. जो वैसे तो एक है.. पर है अनेक.. धरतीवासियों ने प्यार से उसका नाम रखा- बक-LOL.. अब इसका मतलब न पूछे तो बेहतर है। समय के साथ यही बक- LOL दुनिया का सबसे बड़ा कंटेंट क्रिएटर बना । अब बक-LOL की डायरी के पन्नों से गाहे- बगाहे आप भी रूबरू होंगे । )


साहेब का क्या हाल जी
रंगे सियार..काली दाल जी
जुमलों का फैला जाल जी
जुटाया आपने खूबै माल जी

हे मुनिवर..ये कलयुग की कथा है..भरतखंडे दिल्ली राज्येएक राजा हुए..नाम अरविंद केजरीवाल । यूपीए काल में जब सत्ता की नाव समंदर की लहरों से घिरी तो उन्हीं लहरों के झाग से अन्ना रथ पर सवार होके हाथ में झाड़ू लिए प्रकट हुए श्री केजरीवाल । इस दिव्य अवतार ने जब राग भयंकरी में खी..खी..खो-खो.उहूं-उहूं किया..लगा हम आपके हैं कौन.. के सल्लू भाईजान परगट हो गइल..और जब उन्होंने हर वाक्य में जी का टैग लगाया..तो सबको यही लगा कि सियासत के राजकपूरवा..यही न है जी..तभै से साहेब फिलिम बन रही है धड़ाधड़..और दिल्ली के सुलतान कहे जा रहे हैं पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त..लो देख लेव..आपके 3 यार इस चक्कर में खुदै फिलिम बन गए हैं ।

याद करिए केजरीवाल की पहली शपथ..जब श्रीमान ने इंसान से इंसान का हो भाईचारा..का बाकायदा गायन किया था..उसके बाद देख लीजिए..जिन्हें कहते थे..भाई..वो सब इनके गुंताड़े का चारा बनते गए । दिल्ली में गंदगी बहुत थी..तो झाड़ू की निकल पड़ी..पंजाब में जाले बहुत थे..तो यहां भी झाड़ू ने ट्रेन पकड़ ही ली..अब करप्शन का कचरा इतना बढ़ गया है कि एक-एककर जेल की सैर शुरू है । पर इनकी नैतिकता की सफेद कमीज अब भी सर्फ एक्सल से ही धुल रही है..और खाना-रहना इतना शाकाहारी है कि कल के दुबले-पतले केजरीवाल अब फुल के कुप्पा बन गए हैं । पिचकी गाल गुलगुले सा और नाक पकौड़े में तब्दीलिया गइल हैं..वहीं तोंद में हवा ऐसी भरी कि रोज ही कमीज के बटन टूट रहे हैं ।

खैर साहब हमें क्या..हमें तो मतलब जीने से..और थोड़ा बहुत पीने से भी..इनके राज में पीने का जो मजा है..वो उसकी तो पूछिए ही मत । भारत एशियाड में रिकॉर्ड बना रहा है..इधर कहते हैं कि दिल्ली सरकार लेन-देन में रिकॉर्ड पहले ही तोड़ चुकी है..लेकिन इब लेने के चक्कर में देने पड़ रहे हैं। तो हाल ए मुकाम ये है कि जो भाई लोग केजरीवाल को ‘आग’ समझ रिये थे…अब उनकी ‘आह’ ‘आग’ समझ रिये थे..अब उनकी ‘आह’ निकल रही है..वो पूछ रेहे हैं..कि केजरीवाल तेरी गंगा (यमुना) मैली…बता कहां-कहां रक्खी है तैने थैली । मने गजबे हो गया..लोगन ने टिकट कटाया धर्मात्मा फिलिम का..और परदे पर दिख रही है..श्री 420 ।

जय हो (भाईजान की एक फ्लाप फिल्म की याद में)।

 

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