Who is DGP Alok Raj? : कौन हैं आलोक कुमार? बिहार के नए DGP का मिला प्रभार, साथ ही दे चुके हैं हिट गाने

Who is DGP Alok Raj? : बिहार के नए DGP का एलान हो गया है। डीजी विजलेंस आलोक राज को बिहार के डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

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  • Publish Date - August 30, 2024 / 08:50 PM IST,
    Updated On - August 30, 2024 / 08:50 PM IST

पटना। Who is DGP Alok Raj? : बिहार के नए DGP का एलान हो गया है। डीजी विजलेंस आलोक राज को बिहार के डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। आलोक राज 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। जो आरएस भट्टी की जगह लेंगे। भट्टी को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) का महानिदेशक बनाया गया है। आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के लिए आलोक राज को सीएम आवास पर बुलाया गया था। जिसके बाद गृह विभाग ने अधिसूचना जारी की।

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कौन हैं आलोक राज?

Who is DGP Alok Raj? : आलोक राज का पैतृक गांव मुजफ्फरपुर जिले के सरैंया प्रखंड के नेऊरा गांव में है। वर्तमान में वह पटना के कंकड़बाग में अपने पिता के बनाए आवास में रहते हैं. बताया जाता है कि आलोक राज संगीत के शौकीन हैं. सोशल मीडिया पर उनके गाए कई गाने वायरल होते रहते हैं। डीजीपी के रेस में आते ही उनका भोले बाबा पर गया हुआ गाना सोशल मीडिया पर एक बार फिर शेयर किया जाने लगा है। छह साल तक गाना गाने का रियाज उन्होंने किया है। 2017 में पहला एल्बम आया जिसका नाम साईं रचना है। टी सीरीज के बैनर के तहत अब तक आलोक राज कई एल्बम बना चुके हैं। वहीं, 20 अगस्त 1989 को आलोक राज आईपीएस बने थे। 31 दिसंबर 2025 को वो रिटायर होंगे। वहीं, आलोक राज के ससुर भी बिहार पुलिस के डीजीपी की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। लालू यादव के शासनकाल में डीजीपी रहे डीएन सहाय आलोक राज के ससुर हैं।

IPS अधिकारियों में हैं सबसे वरिष्ठ

आलोक राज वर्तमान में बिहार में तैनात बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारियों में सबसे वरिष्ठ डीजी हैं। वे 31 दिसंबर 2025 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। वरिष्ठता में उनके बाद आरएस भट्टी हैं, जिन्होंने पिछली बार वरिष्ठता सूची को दरकिनार कर दिया था, लेकिन तब से वे सीआईएसएफ में चले गए हैं। इसके बाद 1990 बैच की शोभा ओहटकर हैं, जो 30 जून 2026 को सेवानिवृत्त होंगी, और 1991 बैच के विनय कुमार हैं, जो 30 सितंबर 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।

वरिष्ठता के कारण चयन के लिए स्पष्ट विकल्प होने के बावजूद, पुलिस मुख्यालय के भीतर से अफ़वाहें फैलाई गईं कि आलोक राज डीजीपी की भूमिका नहीं लेना चाहते हैं। हालांकि, उन्होंने दिसंबर 2022 और अगस्त 2024 दोनों में स्पष्ट किया कि “यह सरकार का निर्णय है। सरकार अपने दृष्टिकोण से निर्णय लेगी।”

नीतीश कुमार ने क्यों लिया ये फैसला?

अगर बिहार में विधानसभा चुनाव तय समय पर होते हैं, तो मुख्य सचिव और डीजीपी दोनों का नवंबर 2025 तक स्थायी रहना बहुत जरूरी है। राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि चुनाव या आचार संहिता लागू होने के दौरान कोई समस्या न आए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी को ध्यान में रखते हुए इन अहम पदों के बारे में फैसला किया है।

अंतिम चर्चा में यह निष्कर्ष निकला कि चुनाव के समय सेवानिवृत्त होने वाले किसी व्यक्ति को नियुक्त करना उचित नहीं होगा। नतीजतन, आरएस भट्टी के लिए विदाई परेड हुई और आलोक राज को नया डीजीपी घोषित करने की तैयारी की गई।आलोक राज का नाम चर्चा से हटाए बिना विनय कुमार का नाम चर्चा में लाना असंभव था। इस दौरान शोभा ओहटकर के साथ महिला सशक्तिकरण पर चर्चा के दौरान विनय कुमार का नाम बार-बार लिया गया।

 

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