संशोधित आरक्षण कानूनों को नौवीं अनुसूची में डालने की मांग को लेकर बिहार विधानसभा में हंगामा

संशोधित आरक्षण कानूनों को नौवीं अनुसूची में डालने की मांग को लेकर बिहार विधानसभा में हंगामा

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  • Publish Date - July 24, 2024 / 05:18 PM IST,
    Updated On - July 24, 2024 / 05:18 PM IST

पटना, 24 जुलाई (भाषा) बिहार विधानसभा में बुधवार को राज्य के संशोधित आरक्षण कानूनों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई।

बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने बार-बार विपक्षी सदस्यों से अनुरोध किया कि वे अपनी सीट पर लौट जाएं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हस्तक्षेप करने के लिए खड़े हुए, पर विपक्षी विधायक नहीं माने।

नीतीश ने कहा, ‘‘मेरे कहने पर आप सभी जाति आधारित गणना के लिए सहमत हुए जिसके बाद एससी, एसटी, ओबीसी और अत्यंत पिछड़े वर्गों के लिए कोटा बढ़ाया गया।’’

उन्होंने सदन को बताया, ‘‘अब जब पटना उच्च न्यायालय ने आरक्षण कानूनों को रद्द कर दिया है, तो हम उच्चतम न्यायालय गए हैं। इन्हें नौवीं अनुसूची में डालने के लिए केंद्र से एक औपचारिक अनुरोध भी किया गया है।’’

पिछले साल नवंबर में पारित इन आरक्षण कानूनों के जरिए वंचित जातियों के लिए कोटा 65 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया था, जिसे पिछले महीने पटना उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था।

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा का उल्लंघन करने वाले कानूनों को नौवीं अनुसूची में रखने से इन्हें न्यायिक समीक्षा से छूट मिल जाएगी।

हालाँकि विपक्षी सदस्यों के लगातार नारेबाजी करने से नाराज सत्तर वर्षीय मुख्यमंत्री ने एक विधायक की ओर उंगलियां दिखाते हुए ऊंची आवाज में कहा, ‘‘आप एक महिला हैं। क्या आपको पता है कि मेरे सत्ता संभालने के बाद ही बिहार में महिलाओं को उनका हक मिलना शुरू हुआ।’’

नीतीश के अपनी बात रखने के दौरान विपक्षी सदस्यों की ओर से ‘‘मुख्यमंत्री हाय-हाय’’ की टिप्पणी किए जाने पर जदयू प्रमुख विपक्षी सदस्यों की ओर दोनों हाथ लहरा कर कुछ कहते हुए दिखे।

हंगामे के बीच प्रश्नकाल चलाने की कोशिश करने वाले अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा ,‘‘ ऐसा लगता है कि इरादा इस सदन को नहीं चलने देने का है। यहां तक कि विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों पर मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण का भी कोई असर नहीं दिख रहा है, इसलिए सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित की जाती है।’’

भाषा अनवर नरेश

नरेश