पटना, 28 दिसंबर (भाषा) बिहार राज्य मंत्रिपरिषद ने राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान को सेंटर ऑफ एक्सेलेंस के तौर पर विकसित करने के लिए टाटा टेक्नोलॉजीज के साथ प्रस्तावित एमओयू के मद्देनजर 4606.97 करोड़ रुपये की इस योजना में राज्य सरकार द्वारा वहन की जाने वाली राशि की प्रशासनिक स्वीकृति को मंगलवार को मंजूरी दे दी।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि श्रम संसाधन विभाग के सात निश्चय-2 (2020-2025) के तहत ‘‘युवा शक्ति- बिहार की प्रगति’’ के तहत संस्थानों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राज्य के प्रत्येक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान को उच्च स्तरीय सेंटर ऑफ एक्सेलेंस के तौर पर स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।
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उन्होंने बताया कि इसके लिए टाटा टेक्नोलॉजीज के साथ सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर होना है। एमओयू के अनुसार, दो चरणों में सभी राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में मशीनों का क्रय एवं अधिष्ठापन किया जाना है। संजय ने बताया कि कुल योजना 4606.97 करोड़ रूपये की है, जिसमें 88 प्रतिशत टाटा टेक्नोलॉजीज द्वारा वहन किया जाएगा, शेष 12 प्रतिशत (552.84 करोड़ रूपये) का वहन राज्य सरकार द्वारा किये जाने का प्रस्ताव है।
उन्होंने बताया कि इसके तहत प्रथम चरण वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 60 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के उन्नयन के लिए कुल 262.68 करोड़ रूपये एवं द्वितीय चरण वर्ष 2022-23 में कुल 89 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के उन्नयन के वास्ते कुल 389.66 करोड़ रूपये राज्य सरकार द्वारा वहन किये जाने की प्रशासनिक स्वीकृति मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदान की गई है।
संजय ने बताया कि मंत्रिपरिषद द्वारा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के तहत राजगीर जू सफारी के स्थायी एवं सुचारू संचालन के लिए विभिन्न कोटि के कुल 29 अतिरिक्त पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई। उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद द्वारा नेचर सफारी, राजगीर के स्थायी एवं सुचारू संचालन के लिए विभिन्न कोटि के कुल 38 पदों के सृजन की स्वीकृति एवं विभिन्न कोटि के कुल 35 वाहनों के क्रय की स्वीकृति दी गई।