पटना: BPSC Candidates Protest : बिहार की राजधानी पटना में BPSC अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी हैं। धरने के दौरान कोचिंग संचालक खान सर और रहमान सर पर छात्रों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्रों का कहना है कि दोनों शिक्षकों ने उनके आंदोलन को ‘हाईजैक’ कर लिया है और इसे अपनी राजनीतिक मुहिम बना दिया है।
70वीं बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि जब खान सर और रहमान सर आंदोलन में शामिल हुए थे, तो उनका उद्देश्य केवल छात्रों के मुद्दे को सरकार के सामने उठाना था, लेकिन अब छात्रों का आरोप है कि इन दोनों कोचिंग संचालकों ने आंदोलन को अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया और इसे राजनीति का हिस्सा बना दिया। कई छात्रों ने तो इन शिक्षकों का विरोध करते हुए यह भी कहा कि वे मंच से उतर जाएं, क्योंकि वे छात्रों के असली मुद्दे से भटक रहे हैं।
BPSC Candidates Protest : इधर, बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर धरना दे रहे छात्रों से मिलने जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर भी पहुंचे। उन्होंने छात्रों पर लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा कि अगर छात्र सड़कों पर उतरेंगे, तो वे उनके साथ खड़े होंगे। प्रशांत किशोर ने इस संघर्ष को छात्रों का अधिकार बताया और कहा कि वह राजनीतिक दल की तरफ से नहीं, बल्कि युवाओं के साथ सरकार द्वारा की गई बर्बरतापूर्ण कार्रवाई का विरोध करने आए हैं।
BPSC Candidates Protest : 13 दिसंबर को आयोजित बीपीएससी की परीक्षा में पटना के बापू भवन परीक्षा केंद्र पर प्रश्न पत्र लीक होने की अफवाह फैलने के बाद, कई छात्रों ने परीक्षा का बहिष्कार किया था। बीपीएससी ने इस अफवाह को नकारते हुए कहा था कि असामाजिक तत्वों ने इसे फैलाया था, और फिर से परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया था. हालांकि, छात्रों ने परीक्षा रद्द करने की मांग करते हुए धरना जारी रखा है।
बीपीएससी ने स्पष्ट कर दिया है कि अन्य परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा रद्द नहीं की जाएगी। इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों का भी समर्थन देखने को मिला है विपक्षी नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह और निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने भी प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया है। पप्पू यादव ने तो बिहार बंद की घोषणा भी की है, जबकि छात्र लगातार धरने पर बैठे हुए हैं।
बीपीएससी अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि खान सर और रहमान सर ने छात्रों के आंदोलन को ‘हाईजैक’ कर लिया है और इसे अपनी राजनीतिक मुहिम बना दिया है। छात्रों का कहना है कि इन कोचिंग संचालकों का उद्देश्य केवल छात्रों के मुद्दे को सरकार के सामने उठाना था, लेकिन अब यह आंदोलन उनके निजी स्वार्थों और राजनीति का हिस्सा बन गया है।
जी हां, कई छात्रों का आरोप है कि खान सर और रहमान सर ने आंदोलन के असली मुद्दे से ध्यान भटकाया और इसे अपनी राजनीतिक मुहिम बना दिया। छात्रों ने मांग की है कि ये दोनों शिक्षक मंच से उतर जाएं ताकि आंदोलन का मूल उद्देश्य पूरा हो सके।
बीपीएससी ने स्पष्ट किया है कि 70वीं परीक्षा को रद्द नहीं किया जाएगा। हालांकि, प्रदर्शनकारी छात्रों का धरना जारी है और वे परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। सरकार ने परीक्षा केंद्रों पर असामाजिक तत्वों के हस्तक्षेप की बात की है, लेकिन छात्रों ने इसका विरोध जारी रखा है।
प्रशांत किशोर ने छात्रों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि यह उनका अधिकार है और अगर छात्र सड़कों पर उतरते हैं, तो वह उनके साथ खड़े होंगे। उन्होंने सरकार के खिलाफ बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की निंदा की और स्पष्ट किया कि उनका समर्थन किसी राजनीतिक दल की ओर से नहीं, बल्कि छात्रों के अधिकारों के पक्ष में है।
हां, विपक्षी नेता जैसे तेजस्वी यादव, अखिलेश सिंह, और पप्पू यादव ने भी छात्रों के आंदोलन का समर्थन किया है। पप्पू यादव ने तो बिहार बंद की घोषणा भी की है, और आंदोलन को लेकर उनकी पार्टी ने भी सरकार पर दबाव डाला है।