पटना। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के दिल्ली से लौटने के बाद राजधानी पटना में हलचल तेज हो गई। एम्स (AIIMS) से इलाज करवाकर पटना लौटे कुशवाहा से जब मीडियाकर्मियों ने बीजेपी नेताओं के साथ मुलाकात को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने ऐसा जवाब दिया, जिससे बिहार की सियासत फिर से गर्म हो उठी।
दरअसल उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि बीजेपी नेताओं से मुलाकात को लेकर मुझ पर जो सवाल उठ रहे हैं, वो समझ से परे है, मैं तो लगातार जदयू को मज़बूत करने में लगा हुआ हूं, क्योंकि पार्टी लगातार कमजोर हो रही है, लेकिन, लोग इसका गलत मतलब निकाल रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि आप किसी भी पार्टी नेता से बात कीजिए वो बताएंगे कि पार्टी किस तरह कमजोर हो रही है, लेकिन, सच को स्वीकार करने कि बजाय लोग अनदेखा कर रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मैं दिल्ली एम्स में इलाज करा रहा था, लेकिन पोस्टमॉर्टम यहां हो रहा था, मुझे तो इस बात पर हैरानी हो रही है कि मेरे बीजेपी के साथ जाने की बात कही जा रही है, लेकिन हकीकत तो यह है कि जेडीयू के जितने बड़े नेता हैं वो सब बीजेपी के संपर्क में हैं।
उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू छोड़ने की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि लोग भाजपा नेताओं से हुई मुलाकात का गलत मतलब निकाल रहे हैं। कुशवाहा ने कहा कि वह जदयू में रहकर ही पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करेंगे, उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार के बयान पर कहा कि मैंने मीडिया में देखा कि नीतीश जी ने क्या बोला, उन्होंने कहा कि मैंने दो-तीन बार पार्टी बदली है, लेकिन जदयू ने भी तो अपनी रणनीति के अनुसार 2-3 बार गठबंधन को बदला है। वहीं बात रही नीतीश जी से बात करने की तो मुझे अगर बात करनी होगी तो एक मिनट लगेगा, मुझे मीडिया से मदद लेने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
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आपको बता दें कि बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इशारों में ही उपेन्द्र कुशवाहा पर निशाना साधा था और कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा जी को कह दीजिए कि हमसे बात कर लें किसी की क्या इच्छा है, हम कैसे बता सकते हैं। वो तो पहले भी छोड़कर बाहर 2-3 बार गए थे, फिर खुद आए। अभी सुना है कि उनकी तबीयत खराब है वह दिल्ली गए हैं, इलाज करा रहे हैं। कोई भी किसी से कहीं भी मिलने आ-जा सकता है, अब हालचाल ले लेंगे और उनसे मिल कर पूछेंगे कि क्या बात है। नीतीश कुमार के इसी बयान के बाद उपेन्द्र कुशवाहा ने इशारों में ही सही नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है जो कि बिहार के पॉलीटिक्स के लिए उथल पुथल भरा हो सकता है।