पटना, एक अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने मंगलवार को पूरे राज्य में बिजली के ‘प्री-पेड स्मार्ट मीटर’ लगाने के खिलाफ धरना दिया और विरोध मार्च निकाला।
राजद नेताओं ने दावा किया कि पार्टी कार्यकर्ता राज्य में सभी प्रखंड कार्यालयों के सामने धरने पर बैठे।
पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से राजद सदस्य मीसा भारती ने पटना में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ बिहार में बिजली के ‘स्मार्ट प्री-पेड मीटर’ लगाने के नाम पर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार राज्य के लोगों से पैसे की उगाही करने की कोशिश कर रही है, विशेषकर गरीबों से। हमारी पार्टी ऐसा नहीं होने देगी और यही कारण है कि हम राज्य सरकार के समर्थन से निजी बिजली कंपनियों की इस जबरन वसूली का विरोध कर रहे हैं।’’
पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में बड़ी संख्या में राजद कार्यकर्ताओं ने प्रखंड कार्यालय के बाहर धरना दिया।
पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा, ‘‘निजी बिजली कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए, बिहार सरकार निजी कंपनियों के माध्यम से राज्य में जबरन स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा रही है। बिजली के बिल चार से पांच गुना बढ़ गए हैं, जिससे उपभोक्ताओं पर भारी वित्तीय दबाव पड़ रहा है। हम ऐसा नहीं होने देंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम राज्य सरकार से मांग करते हैं कि इन मीटर को लगाने का कार्य तुरंत रोका जाए ताकि लोगों को राहत मिल सके। यह नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार के समर्थन से निजी बिजली कंपनियों द्वारा जनता से जबरन वसूली है। देश में कई ऐसे राज्य हैं जहां संबंधित सरकार ने स्मार्ट मीटर लगाने की अनुमति नहीं दी है।’’
पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, राजद के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा, ‘‘ये ‘स्मार्ट चीटर मीटर’ हैं और सरकार को इन मीटर को लगवाने वाले उपभोक्ताओं को होने वाली समस्याओं के बारे में कोई चिंता नहीं है। जब सरकार इन मीटर को स्थापित करने वाले 50 लाख उपभोक्ताओं की समस्याओं को हल करने में सक्षम नहीं है, तो वह 1.5 करोड़ (लक्षित) अधिक मीटर लगाने के बाद इन समस्याओं का समाधान कैसे करेगी।’’
अहमद ने कहा कि लोगों को ये मीटर लगाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। ‘‘राज्य सरकार ने पहले ही समय सीमा दे दी है कि सभी जिलों में मीटर लगाने की प्रक्रिया मार्च, 2025 तक पूरी कर ली जाएगी। सरकार बिहार जैसे राज्य में इन मीटर को लगाने के बारे में कैसे सोच सकती है जहां मासिक आय 6000 जैसा कि हाल ही में बिहार सरकार द्वारा किए गए जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट में पता चला है।’’
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, जाति सर्वेक्षण से यह भी पता चला कि 30 प्रतिशत परिवारों की मासिक आय 10,000 रुपये से अधिक नहीं है।
अहमद ने कहा, ‘‘यह बिहार के लोगों के साथ सरासर अन्याय है, जहां ग्रामीण इलाकों में 70 फीसदी लोगों के पास स्मार्ट फोन नहीं है।’’
इसी तरह के धरने राज्य के अन्य जिलों में भी आयोजित किए गए जिनमें अररिया, कटिहार, शिवहर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, भोजपुर(आरा), बक्सर, जहानाबाद, रोहतास, सीवान, गोपालगंज, नवादा आदि शामिल हैं।
भाषा अनवर धीरज
धीरज