Reservation limit increased in bihar: पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में आरक्षण की सीमा 50% से बढ़ाकर 65% कर दी गई है। इसके लिए एक कानून पारित किया गया है। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण पहले से ही उपलब्ध है। कुल मिलाकर आरक्षण की कुल संख्या 75 फीसदी तक पहुंच गई है। हमारी सरकार ने केंद्र सरकार के नए आरक्षण कानून को संविधान में स्वीकार कर लिया है। बिहार CMO ने ये जानकारी दी है।
बिहार CMO ने बताया कि 26वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में बिहार CM नीतीश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात के दौरान बिहार CM नीतीश कुमार ने कहा कि हम चाहते थे कि केंद्र सरकार जाति के आधार पर जनगणना कराए। हम शुरू से ही इसके लिए प्रयासरत थे। इसके लिए वर्ष 2019 और 2020 में बिहार विधानमंडल में सर्वसम्मति से जाति आधारित जनगणना का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया था। फिर हम सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ प्रधानमंत्री से मिले, केंद्र सरकार की ओर से इस पर कोई विचार नहीं किया गया।
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26वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात के दौरान बिहार CM नीतीश कुमार ने कहा कि हम 2010 से बिहार के लिए ‘विशेष राज्य’ के दर्जे की मांग कर रहे हैं। बिहार एक बहुत ही ऐतिहासिक राज्य है। लगातार विकास के बावजूद भी बिहार विकास के मापदंडों में राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे है। बिहार विशेष राज्य के दर्जे की सभी शर्तें पूरी करता है। हमें उम्मीद है कि आप बिहार को ‘विशेष राज्य’ का दर्जा देने के बारे में जरूर सोचेंगे।
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज बिहार के पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के वरिष्ठ मंत्री शामिल हुए। बैठक में अंतर-राज्य परिषद सचिवालय के सचिव, सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव, राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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वहीं बिहार में कराए गए जाति आधारित सर्वे को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि जब उनकी पार्टी बिहार में सत्ता में थी तो उन्होंने जाति आधारित सर्वे का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने भी विधेयक को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि जाति सर्वेक्षण को लेकर कुछ मुद्दे हैं, उन्हें उम्मीद है कि राज्य सरकार उनका समाधान करेगी। गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का कभी भी जाति आधारित सर्वेक्षण में बाधा उत्पन्न करने का कोई इरादा नहीं था। यह जानकारी गृहमंत्रालय ने दी है।
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