राहुल गांधी ने ‘क्रांतिकारी’ बिहार में भाजपा-आरएसएस को ‘वैचारिक पराजय’ देने का संकल्प लिया

राहुल गांधी ने ‘क्रांतिकारी’ बिहार में भाजपा-आरएसएस को ‘वैचारिक पराजय’ देने का संकल्प लिया

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  • Publish Date - January 18, 2025 / 08:16 PM IST,
    Updated On - January 18, 2025 / 08:16 PM IST

पटना, 18 जनवरी (भाषा) कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को पार्टी कार्यकर्ताओं से ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों के साथ मिलकर ‘क्रांतिकारी’ बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के विचार को हराने का आह्वान किया।

बिहार में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होना है।

राहुल ने पटना स्थित कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय ‘सदाकत आश्रम’ में एक कार्यक्रम के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘संविधान की रक्षा सिर्फ कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता कर सकता है। कांग्रेस पार्टी की विचारधारा नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान वाली विचारधारा है और दूसरी तरफ भाजपा-आरएसएस की विचारधारा नफरत व हिंसा की विचारधारा है।’’

उन्होंने कहा, “भाजपा का मुकाबला सिर्फ कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता और उसकी विचारधारा कर सकती है।”

राहुल ने बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘अगला चुनाव बिहार में है और यह एक क्रांतिकारी प्रदेश है। देश में जब भी बदलाव होता है तो उसकी शुरुआत बिहार से होती है।’’

उन्होंने कहा, “यह विचारधारा की लड़ाई है। आप सबको तैयार हो जाना चाहिए। हम भाजपा और आरएसएस की विचारधारा को बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन के साथ खड़े होकर हराएंगे।”

राहुल ने बिहार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक सरकार (राजग) सरकार पर आरोप लगाया, ‘‘बिहार प्रश्न पत्र लीक का केंद्र बन गया है। यहां पर पूरा तंत्र बिक गया है। बिहार में युवाओं को रोजगार नहीं मिलता। महंगाई बढ़ती जा रही है। गरीब लोग कुचले जा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, “इन लोगों के लिए कांग्रेस पार्टी को लड़ना है। किसानों, मजदूरों, गरीब लोगों, अल्पसंख्यकों, सबके लिए लड़ना है और यहां भाजपा की विचारधारा को हराना है तथा संविधान को जिताना है।”

इससे पहले राहुल ने पटना के बापू सभागार में ‘संविधान सुरक्षा सम्मेलन’ में जातीय जनगणना की मांग को दोहराते हुए कहा कि उन्होंने संसद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी इसे किसी भी कीमत पर करवाकर रहेगी।

उन्होंने बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को ‘फर्जी’ बताया और कहा कि यहां लोगों को बेवकूफ बनाया गया।

राहुल ने भाजपा और आरएसएस पर देश के संविधान को कमजोर करने और हाशिए पर खड़े समुदायों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आरएसएस प्रमुख मोहन का ‘‘सच्ची आजादी’’ वाला बयान ‘देश के संविधान के खिलाफ है’।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘दलितों, अल्पसंख्यकों और सामाजिक रूप से हाशिये पर रहे समुदायों की आबादी देश की कुल जनसंख्या की 90 फीसदी हैं लेकिन वे व्यवस्था का हिस्सा नहीं हैं। यही कारण है कि हम जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं।’’

राहुल ने कहा, ‘‘हमारा पहला कदम यह पता लगाना होगा कि देश में विभिन्न जातियों की स्थिति क्या है और हम इसे (जातीय जनगणना) छोड़ने वाले नहीं हैं। यह बिहार वाली जाति आधारित गणना नहीं होगी, जो फर्जी और लोगों को बेवकूफ बनाने वाली है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बिना जातीय जनगणना के विकास की सही तरीके से बात नहीं की जा सकती। इसलिए मैंने संसद में मोदी जी के सामने कहा है, चाहे कुछ भी हो जाए कांग्रेस जाति जनगणना करवाकर रहेगी।’’

राहुल ने कहा कि पूरे देश में जातीय जनगणना कराना इसलिये महत्वपूर्ण है ताकि पता लगाया जा सके कि नौकरशाही और अन्य क्षेत्रों में ओबीसी, दलितों और अन्य की कितनी भागीदारी है।

उन्होंने कहा, ‘‘जातीय जनगणना का उद्देश्य सिर्फ विभिन्न जातियों की संख्या का पता लगाना नहीं, बल्कि देश की संपत्ति में उनकी हिस्सेदारी के बारे में भी जानना है।’’

राहुल ने दावा किया कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा पर्याप्त नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम बहुसंख्य लोगों के लाभ के लिये इस सीमा को बढ़ाएंगे।’’

राहुल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की ‘‘सच्ची आजादी’’ वाले बयान का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन देश को सच्ची आजादी मिलने से संबंधित उनका (भागवत का) बयान संविधान के खिलाफ है।’’

उन्होंने संविधान की प्रति की ओर इशारा किया और भागवत की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘वह (भागवत) ऐसा कहकर इसको (संविधान को) नकार रहे हैं।’’

राहुल ने कहा, ‘‘वह (भागवत) खुले मंच से कह रहे हैं कि इस किताब में जो सच है, उसका हिंदुस्तान के लिए कोई मतलब नहीं। यह आजादी का नतीजा नहीं था, क्योंकि उस समय मोहन भागवत के मुताबिक आजादी तो मिली नहीं। वह इसकी (संविधान) सोच को, डॉ. बीआर आंबेडकर, महात्मा गांधी, भगवान बुद्ध, फुले जी की सोच को मिटाने में लगे हुए हैं।’’

उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘मोदी जी संसद में आते हैं…. पहले कहते थे 400 सीट आएंगी, तो हम संविधान बदल देंगे और फिर जब हमने (जनता-विपक्षी दलों ने) मिलकर मोदी जी को संविधान की सच्चाई समझाई, तो फिर वह संविधान के सामने मत्था टेकने लगे।’’

राहुल ने समाज के पिछडे वर्गों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व दिए जाने की मांग का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘आपने कहा कि राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। आज के हिंदुस्तान में विधायक और सांसद के पास किसी तरह की शक्ति नहीं है। मैं लोकसभा में भाजपा के पिछड़े वर्ग, दलित, आदिवासी सांसदों से मिलता हूं। वे मुझसे कहते हैं कि हमें पिंजरे में बंद करके यहां टांग रखा है। शक्ति किसी और के पास और प्रतिनिधित्व किसी दूसरे के पास है। इसका यह मतलब नहीं है कि प्रतिनिधित्व नहीं मिलना चाहिए, जरूर मिलना चाहिए, लेकिन मेरा कहना है सिर्फ प्रतिनिधित्व से काम नहीं चलने वाला है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम संविधान की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं। यह राजनीतिक लड़ाई संविधान और मनुवाद के बीच है। एक तरफ समानता व एकता है, तो दूसरी तरफ नफरत व हिंसा।’’

भाषा अनवर जितेंद्र

जितेंद्र