पटना, 27 नवंबर (भाषा) बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) द्वारा संविधान के मैथिली भाषा में अनुवाद पर बुधवार को कहा कि मिथिला क्षेत्र को राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए।
बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष की नेता ने सदन में सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं द्वारा भाषा को सम्मान देने के लिए केंद्र को धन्यवाद देने के दौरान यह मांग उठाई।
बिहार विधान परिषद के बाहर जब संवाददाताओं ने इसको लेकर उनसे सवाल किया, तो उन्होंने कहा, ‘हां, मैंने कहा था कि मिथिला को एक अलग राज्य बनाया जाना चाहिए। वे (ट्रेजरी बेंच के सदस्य) संविधान के अनुवाद के लिए केंद्र और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करने में व्यस्त थे, जो ठीक है। लेकिन हमें कुछ और ठोस चाहिए।’
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने हाल ही में केंद्र को पत्र लिखकर उत्तर बिहार के मिथिला और पड़ोसी नेपाल के कुछ हिस्सों में बोली जाने वाली मैथिली को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने का अनुरोध किया था।
‘मिथिलांचल’ राज्य के निर्माण की मांग इस क्षेत्र के सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं द्वारा समय-समय पर उठाई जाती रही है पर यह पहली बार है जब बिहार के किसी शीर्ष राजनेता ने, जो मिथिला से नहीं आते हैं, इस मांग के पक्ष में बात की है।
राबड़ी देवी का ताजा बयान बिहार के विभाजन पर उनके पति लालू प्रसाद द्वारा लिए गए रुख के विपरीत है, जिन्होंने राज्य से झारखंड के निर्माण की मांग पर कहा था कि वे अपने प्राणों की आहूति देंगे पर ऐसा नहीं होने देंगे, लेकिन बाद में वह सहयोगी दल कांग्रेस के दबाव में मान गए थे। उस समय कांग्रेस राबड़ी देवी की अल्पमत सरकार का समर्थन कर रही थी।
भाषा
अनवर, रवि कांत रवि कांत