पटनाः बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर बीतें कई दिनों से प्रदर्शन जारी है। पहले छात्र इसे लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन अब इसमें राजनेताओं की भी एंट्री हो गई है। इसी मामले को लेकर अनशन पर बैठे जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को पटना पुलिस ने देर रात धरनास्थल से जबरन उठाकर हिरासत में ले लिया गया। इस दौरान पुलिस को भारी विरोध का सामना भी करना पड़ा।
मिली जानकारी के अनुसार पटना के गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के नीचे बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग के लिए प्रशांत किशोर आमरण अनशन कर रहे थे। सोमवार तड़के सुबह चार बजे भारी संख्या में पुलिस आई और प्रशांत किशोर को उठाकर ले गई। जन सुराज के लोगों का आरोप है कि पुलिस ने इस दौरान पीके को थप्पड़ भी मारे। बताया जा रहा है कि पुलिस प्रशांत किशोर को पटना एम्स ले गई है, जहां उनका हेल्थ चेकअप हो रहा है।
प्रशांत किशोर पर हुई कार्रवाई पर प्रशासन ने कहा, प्रतिबंधित क्षेत्र गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के सामने अवैध तरीके से धरना दिया जा रहा था। प्रशासन ने वहां से हटकर निर्धारित स्थल गर्दनीबाग में जाने के लिए नोटिस दिया था। प्रतिबंधित क्षेत्र में गैर-कानूनी ढंग से धरना देने के कारण गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। कई बार कहने के बाद भी स्थल खाली नहीं किया गया। इसके बाद उन्हें कुछ समर्थकों के साथ गिरफ्तार किया गया है। वे लोग पूरी तरह से स्वस्थ हैं। प्रक्रिया के तहत कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने की कार्रवाई की जा रही है।
प्रशांत किशोर को बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा रद्द करने की मांग के लिए गांधी मैदान में अवैध धरना देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। प्रशासन ने उन्हें निर्धारित स्थल पर धरना देने का नोटिस दिया था, लेकिन वे वहां से नहीं हटे, जिसके बाद गिरफ्तारियां की गईं।
गिरफ्तारी के बाद प्रशांत किशोर को पटना एम्स ले जाया गया, जहां उनका हेल्थ चेकअप किया गया।
प्रशांत किशोर पर गांधी मैदान में अवैध धरना देने के कारण गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बार-बार नोटिस देने के बावजूद धरना स्थल खाली नहीं किया गया, जिसके बाद गिरफ्तारी की गई।
जन सुराज पार्टी के नेताओं का आरोप है कि पुलिस ने गिरफ्तारी के दौरान प्रशांत किशोर को थप्पड़ मारे, हालांकि प्रशासन ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर यह प्रदर्शन हो रहा है, जिसमें छात्र और राजनीतिक नेता दोनों शामिल हैं।